बेस अस्पताल को मिला एनेस्थिया चिकित्सक

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : लगातार मांग उठाने के बाद आखिर राजकीय बेस चिकित्सालय कोटद्वार को स्थाई एनेस्थिया चिकित्सक मिल गाया है। ऐसे में एनेस्थिया चिकित्सक की तैनाती होने से स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पटरी पर लौटने लगेंगी। हालांकि, चिकित्सालय में अब भी चिकित्सकों के कई पद रिक्त चल रहे हैं। जबकि, क्षेत्रवासी लगातार इन्हें भरने की भी मांग उठा रही है।
बीते वर्ष जून माह में बेस चिकित्सालय में तैनात एनेस्थिया चिकित्सक (बेहोशी देने वाले डाक्टर) की सेवानिवृत्ति हो गई। शासन ने चिकित्सक की सेवानिवृत्ति के बाद किसी अन्य चिकित्सक की तैनाती नहीं की। नतीजा, जुलाई माह में चिकित्सालय एनेस्थिया चिकित्सक विहीन रहा और शल्य चिकित्सा नहीं हो पाई। पूरे माह चिकित्सक की तैनाती न होने के बाद भी स्वास्थ्य महकमे ने चिकित्सालय को नियमित एनेस्थिया चिकित्सक की तैनाती के बजाए पचास दिनों के लिए पांच चिकित्सकों को रोटेशन ड्यूटी पर लगा दिया। बीते वर्ष बीस सितंबर को पचास दिन का रोस्टर पूरा हुआ व उसके बाद चिकित्सालय पुन: एनेस्थिया चिकित्सक विहीन हो गया। इसके बाद शासन ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाल राजकीय आयुर्विज्ञान शोध संस्थान श्रीनगर के छह चिकित्सकों को मय अधीनस्थ चिकित्सालय में तैनात कर दिया और यही व्यवस्था वर्तमान में लागू है। इस बीच शासन ने नवंबर माह के मध्य में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थलीसैण में तैनात एनेस्थिया चिकित्सक डा. मोनिका खाती को बेस चिकित्सालय में संबद्ध कर दिया। वे वर्तमान में भी चिकित्सालय में कार्यरत हैं। हालांकि, उनका मूल वेतन थलीसैण स्वास्थ्य केंद्र से ही आहरित हो रहा है। दिसंबर माह में शासन ने जिला अस्पताल रूद्रप्रयाग में तैनात एक एनेस्थिया चिकित्सक को कोटद्वार के बेस चिकित्सालय में स्थानांतरित कर दिया। लेकिन, उक्त चिकित्सक ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया। बीती शाम शासन ने विशेषज्ञ चिकित्सकों की स्थानांतरण सूची जारी की है। जिसमें सामुदायिक केंद्र अगस्तमुनि (रूद्रप्रयाग) में तैनात एनेस्थिया चिकित्सक डा. अलीशा कटवाल को कोटद्वार के बेस चिकित्सालय में स्थानांतरित किया है। नए चिकित्सक के आने के बाद अब एनेस्थिया विभाग में दो चिकित्सक होंगे, जिसका लाभ सीधे शल्य चिकित्सा विभाग को मिलना तय है।

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