श्पर्वतीय क्षेत्रों के लिए वरदान साबित होंगे बीज कमंडल
रुद्रपुर। उत्तराखंड के 23 वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद हल्दी में पर्वतीय बीज कमंडल निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया गया। बताया कि बीज कमंडल में माइक्रो व मैक्रो न्यूट्रिएंट्स पर्याप्त मात्रा में होते हैं। नमी पाते ही माइक्रो व मैक्रो न्यूट्रिएंट्स के सहयोग से बीज कमंडल में स्थापित बीज शीघ्र अंकुरित होकर पौध के रूप में तैयार हो जाते हैं। रविवार को आयोजित कार्यशाला में उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद हल्दी के निदेशक ड़ संजय कुमार ने बताया कि बीज कमंडल से प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में वनीकरण व जैव विविधता को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही बीज कमंडल पर्वतीय क्षेत्रों को हरा-भरा करने एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए वरदान साबित होंगे। उन्होंने बताया कि बीज कमंडलों के निर्माण में आरएएन पब्लिक स्कूल रुद्रपुर, डीपीएस रुद्रपुर एवं हल्द्वानी, हीरावती माधवानंद जोशी सरस्वती विहार इंटर कलेज शांतिपुरी, कैम्पस स्कूल पंतनगर के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, परिषद के कार्मिकों सहित 305 प्रतिभागियों ने सहयोग किया। इसके लिए आशियन वर्ल्ड रिकर्ड संस्था ने रिकर्ड की स्वीति दी थी।
ड़ संजय और ड़ सुमित आशियन वर्ल्ड रिकर्ड से सम्मानित
उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद हल्दी की ओर से विकसित बीज कमंडलों के निर्माण के लिए निदेशक ड़ संजय कुमार और ड़ सुमित पुरोहित को रेडिसन ब्लू होटल में रविवार को आयोजित कार्यक्रम में आशियन वर्ल्ड रिकर्ड से सम्मानित किया गया। वहीं परिषद के वैज्ञानिक ड़ मणिन्द्र मोहन को भी कम समय में अधिकतम जल नमूनों का संग्रह व परीक्षण करने के लिए आशियन वर्ल्ड रिकर्ड से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम वइस एशिया न्यूज, ब्रेनीवुड साइंस लैब एवं रे फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।