-एक दिन में 3,400 गड्ढों को भरने का लक्ष्य
नई दिल्ली, दिल्ली सरकार की तरफ से मंगलवार को आगामी मानसून के मद्देनजर सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का बड़ा अभियान चलाया गया. इसके तहत पीडब्ल्यूडी की ओर से 3400 गड्ढों को भरने का काम किया जा रहा है. ऐसे में जब इसे लेकर पड़ताल की गई, तो लक्ष्मी नगर के विकास मार्ग पर गड्ढा भरने का काम होता हुआ मिला. वहीं, शाहदरा, चितरंजन पार्क, साउथ दिल्ली, महरौली, नई दिल्ली, बाहरी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली सहित अन्य जगहों पर सड़कों के गड्ढे भरने का काम सुबह से ही जारी है.
इस दौरान विकास मार्ग पर मौजूद स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां पर काफी समय से गड्ढे थे, लेकिन इसकी तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा था. लेकिन, अब इन गड्ढों को भर दिया गया है. यह अच्छा कदम है. इससे यहां जलभराव नहीं होगा और लोगों को आने-जाने में परेशान नहीं होगी. उधर विकास मार्ग पर स्थित मंदिर के पुजारी ने बताया कि यहां काफी समय से मंदिर के सामने गड्ढा था, जिससे श्रद्धालुओं को आने जाने में दिक्कत होती थी, लेकिन अब लोगों को आने-जाने में सहूलियत होगी. इससे पहले दिल्ली के पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा था कि लोक निर्माण विभाग मानसून से पहले 1,400 किलोमीटर से अधिक सड़कों पर एक दिन के भीतर 3,400 गड्ढों को भरकर सुरक्षित और सुगम बनाएगा.
मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि यह अभियान सिर्फ सड़कों की मरम्मत का नहीं है, यह दिल्ली की जनता के प्रति हमारी जवाबदेही का प्रतीक है. मैं हर इंजीनियर, सुपरवाइजर और मजदूर से यही कहता हूं यह दिन सिर्फ काम का नहीं, सेवा का है. गड्ढा भरना सिर्फ कोलतार डालना नहीं है, यह उस नागरिक के लिए राहत है जो हर दिन इन सड़कों से गुजरता है. जब सिस्टम जवाबदेह होता है, तो काम भी टिकाऊ होता है. पीडब्ल्यूडी ने अब तक 150 किलोमीटर सड़क बना दी है.
साकेत इलाके के प्रेस एन्क्लेव में सड़कों पर गड्ढे भरने के काम का निरीक्षण करने पर दिल्ली के मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा, हमारी प्रतिबद्धता दिल्ली के लोगों को अच्छी सड़कें देने की है. हमने एक दिन में 3400 गड्ढे भरने का बीड़ा उठाया है और सुबह 11 बजे तक हमने उनमें से 50त्न भर दिए गए हैं. हम शाम तक सभी गड्ढे भर देंगे. एक गड्ढा भरने में करीब 20 मिनट लगते हैं. सड़कों का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है – हमने 150 किलोमीटर लंबी सड़कें बनाई हैं और इस साल 500 किलोमीटर का लक्ष्य रखा है. पिछली सरकार ने घटिया गुणवत्ता वाली सड़कें बनाईं. हम सभी सड़कों की रीकार्पेटिंग करेंगे. जहां भी जलभराव हुआ, पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई और डीडीए की हमारी टीमों ने उस पर काम किया. हम विश्लेषण कर रहे हैं कि जलभराव क्यों होता है.