सिरौलीकलां से मुस्लिम लीडरशिप उभरने नहीं देना चाहते बेहड़ : शुक्ला
रुद्रपुर। पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने आरोप लगाया कि विधायक तिलकराज बेहड़ सिरौली कलां से कोई मुस्लिम लीडरशिप उभरने नहीं देना चाहते हैं, इसलिए वह सिरौली को किच्छा नगर पालिका में शामिल रखने की पैरवी कर रहे हैं। सोमवार को पूर्व विधायक शुक्ला ने अपने कार्यालय में प्रेसवार्ता कर आरोप लगाया कि विधायक बेहड़ मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति करते हुए क्षेत्र की जनता को सरकार और पार्टी के खिलाफ गुमराह कर रहे हैं। बेहड़ आरोप लगा रहे हैं कि सिरौलीकलां के मुद्दे पर सरकार ने संविधान के खिलाफ निर्णय लिया, जबकि किसी भी क्षेत्र को नगरपालिका में शामिल करना अथवा बाहर रखना सरकार के अधिकार क्षेत्र में होता है। सिरौली को अलग करने का निर्णय संवैधानिक नहीं होकर प्रशासनिक है। विधायक सरकार पर सिरौलीकलां के विकास को रोकने का आरोप लगा रहे हैं। जबकि सबसे पहले भाजपा सरकार ने ही सिरौलीकलां को किच्छा नगरपालिका में शामिल करने का निर्णय लिया था। कांग्रेस सरकार ने इस पर कभी विचार तक नहीं किया। जब भाजपा सरकार ने सिरौलीकलां को किच्छा में शामिल करने का निर्णय लिया था, तब सबसे अधिक सिरौली के स्थानीय लोगों ने विरोध किया था। इस कारण सिरौलीकलां को नगर पंचायत बनाना पड़ा था। सिरौली के नगर पंचायत बनने पर वहां के लोगों ने अपना चेयरमैन चुनने की उम्मीद करते हुए खुशियां मनाई थीं, लेकिन कांग्रेसियों ने कोर्ट में इसका भी विरोध किया। यदि सिरौलीकलां नगर पंचायत बनती तो वहां से कोई मुस्लिम लीडरशिप उभर कर आती। इस कारण उसकी किच्छा विधानसभा से कांग्रेस विधायक पद की दावेदारी बढ़ जाती। शुक्ला ने आरोप लगाया कि बेहड़ मुस्लिम समाज को सिर्फ वोट बैंक समझते हैं। वह मुस्लिम नेता को लीडर बनते नहीं देखना चाहते हैं। सिरौलीकलां को नगरपालिका में मिलाने के बाद लगभग 48 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हो गए हैं। शुक्ला ने कहा कि सिरौलीकलां को लाभ नगर पंचायत अथवा ग्राम सभा बनकर ही मिल सकता है, जिसके बारे में सिर्फ भाजपा ने ही विचार किया है। आरोप लगाया कि बेहड़ ने बीते तीन साल में केवल झूठ बोला है। आगामी 2027 के विधानसभा चुनाव में जनता अपने वोट से बेहड़ को जवाब देगी। कहा कि वह विकास के मुद्दे पर बेहड़ से सार्वजनिक रूप से बहस को तैयार है। प्रेसवार्ता के दौरान भाजपा नगर अध्यक्ष मनमोहन सक्सेना, धर्मराज जायसवाल, संदीप अरोरा आदि मौजूद रहे।