Uncategorized

बेरोजगार सड़कों पर आत्महत्या को मजबूर,बैकडोर से अपनों का बेड़ा पार : रविन्द्र आनन्द

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

देहरादून। भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड में प्रांतीय रक्षक दल एवं युवा कल्याण विभाग के जरिए हुई चार नियुक्तियों के मामले में पूरी तरह अनियमितता बरती गई। जुलाई में भारतीय चिकित्सा परिषद के रजिस्ट्रार की ओर से युवा कल्याण विभागों में आउट सोर्स के जरिए 4 पदों पर नियुक्ति की मांग भेजी गई थी । विभाग ने इनमें एक लेखाकार एक चतुर्थ श्रेणी और 2 पद पर सुरक्षाकर्मी के नाम तय कर भेज दिए ,इन्हें चिकित्सा परिषद की ओर से नियुक्ति दे दी गई । अब यह सवाल उठता है कि इन नीतियों में धांधली की गई है ।इनमें लेखाकार के लिए, महापौर की बेटी श्रेया उनियाल जबकि एक अन्य पद पर परिषद के रजिस्ट्रार के करीबी को नियुक्ति दी गई है,जो सरासर यहां के बेरोजगारों के साथ त्रिवेंद्र सरकार का बहुत बड़ा छलावा है।
उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने हाल ही में रोजगार वर्ष मनाना शुरू किया है. वे अपनी पीठ झूठे आंकड़ों के जरिये थपथपाने का जश्न मनाने से नहीं चूकती. जबकि ये सभी जानते हैं कि उत्तराखंड के कितने भाई-बहन नौकरी की आस में दर-दर भटकने और आन्दोलन करने को मजबूर हैं. हमारे प्रदेश के नौजवानों ने डबल इंजन की सरकार पर इसलिए भरोसा नहीं जताया था कि वे नेताओं के बच्चों की बैक डोर से एंट्री करवा सके. ऋषिकेश से विधायक और विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चन्द्र अग्रवाल जी ने दो साल पहलेय पूर्व सैनिकों या उनके आश्रितों को नियुक्ति देने के लिए बनाई गई संस्था उपनल से अपने बेटे पीयूष को नियम विरुद्ध तरीके से नौकरी दिलवाई थी. गैर सैनिक परिवारों से जुड़े लोगों की नियुक्ति पर रोक के बावजूद पियूष अग्रवाल, जल संस्थान में सहायक अभियंता के पद पर तैनात कर दिए जाते हैं. सरकार का बेरोजगार नौजवानों का मजाक बनाने का सिलसिला लगातार जारी है यह कहना है आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रविन्द्र सिंह आनन्द का उन्होंने आगे कहा देहरादून के महापौर सुनील उनियाल गामा की बेटी को भारतीय चिकित्सा परिषद में लेखाकार के पद पर नियुक्ति दे दी गई. एक तरफ कोरोना काल में लोगों की नौकरियां चली गई,कई युवाओं के रोजगार खत्म हो गए वहीं बेरोजगारों के लिए कोई नई नियुक्तियां नहीं हो रही हैं जबकि . देहरादून के महापौर गामा जी की बेटी अपने पिता के रसूख से पीआरडी एवं युवा कल्याण विभाग के माध्यम से आसानी से नौकरी पा जाती है. श्रेया उनियाल को भारतीय चिकित्सा परिषद में लेखाकार के पद बैकडोर नियुक्ति दी गई. कैसे ? क्या ये प्रदेश के लाखों बेरोजगारों के साथ भद्दा मजाक नहीं है? बेरोजगारों के साथ त्रिवेंद्र सरकार क्या खेल खेल रही है इसे हमारे भाई-बहन बखूबी समझ रहे हैं. राज्य की जवानी बर्बादी की कगार पर ले आई है प्रदेश की बीजेपी सरकार. बेरोजगार आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं. हाल ही में चमोली के एक बेरोजगार युवक ने हताशा में आत्महत्या की और उसके लिए त्रिवेंद्र सरकार को जिम्मेदार माना,उसके बाद भी ये सोई सरकार नहीं जाएगी और उसके तुरंत बाद अपने चहेतों को नौकरी देकर उस युवक के साथ साथ ,लाखों बेरोजगारों के साथ भद्दा मजाक किया है। ये सरकार धृतराष्ट्र की तरह आँखें बंद कर अपनों पर ज्यादा मेहरबान बनी बैठी है. मामला यहीं खत्म नहीं होता बेटी तो बेटी,महापौर सुनील उनियाल गामा की धर्मपत्नी सालों से विधानसभा में अटैच है और मोटी तनख्वाह पा रही हैं. वे विधानसभा में भी कम ही दर्शन देती हैं. त्रिवेंद्र राज में उनके चहेते ,मौज कर रहे आम आदमी सड़कों पर विवश है। वाह रे त्रिवेंद्र सरकार !
ये सवाल बार बार उठता है बीजेपी की करनी और कथनी में अंतर क्यूं है ? बीजेपी सरकार दोहरा चरित्र क्यों दिखा रही है ? अपनों के लिए सारे नियम ताक पर रख दिए जाते हैं और बेरोजगार नौनिहालों को छोड़ दिया जाता है आत्मनिर्भर बनने के लिए। आम आदमी पार्टी, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से इस नियुक्ति को जल्द से जल्द रद्द करने की मांग करती है अगर सरकार जल्द से जल्द इस निर्णय पर बैकफुट पर नहीं आती तो आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता आगे आकर प्रदेश के लाखों बेरोजगारों के साथ उनके हकों के लिए ,सड़कों पर उतरेंगे,मेयर के घर का घेराव करेंगे, मुख्यमंत्री को सोई नींद से जगाने के लिए मुख्यमंत्री आवास पर भी प्रदर्शन करेंगे। सरकार के इशारों पर ,इस बैकडोर नियुक्ति में पीआरडी हम भारतीय चिकित्सा परिषद की भी मिलीभगत है इसलिए आम आदमी पार्टी पीआरडी के खिलाफ भी प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान पार्टी की वरिष्ठ नेत्री उमा सिसोदिया भी उपस्थित रही।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!