स्थानांतरण सत्र शून्य करने पर भड़का शिक्षक संघ
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह से सरकार द्वारा वर्तमान में स्थानांतरण सत्र शून्य किए जाने से शिक्षकों में नाराजगी बनी हुई है। शिक्षकों ने स्थानांतरण सत्र शून्य करने का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि वर्षों से तबादलों की उम्मीद लगाए बैठे शिक्षक अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे है। शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से तबादला सत्र शून्य किए जाने वाले निर्णय पर पुनर्विचार कर शीघ्र ही स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू करने की मांग की।
संघ के जिलाध्यक्ष जयदीप रावत एवं मंत्री मनमोहन सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में कहा कि स्थानांतरण सत्र शून्य किए जाने से लंबे समय से दुर्गम के विद्यालयों में वर्षों से सेवाएं दे रहे शिक्षकों के साथ अन्याय होगा, जिस कारण आने वाले समय में शैक्षणिक व्यवस्थाओं में प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि विगत 4 वर्षों से एक्ट के अनुसार स्थानांतरण नहीं होने से दुर्गम विद्यालयों में सेवाएं दे रहे शिक्षक मायूस ही नहीं अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। कुछ शिक्षक ऐसे हैं जो बीमार हैं परंतु उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि शिक्षक पूरे संक्रमण काल में अपने दायित्वों के निर्वहन करते हुए शिक्षण कार्य के साथ-साथ जरूरतमंदों की सेवा में योगदान देते रहे, लेकिन शिक्षकों की न्यायोचित मांगों पर सरकार द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिससे शिक्षकों में रोष व्याप्त है।