भरत व रानी कैकई के संवाद ने मोहा मन

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत काशीरामपुर तल्ला में कल्पतरू बालिका रामलीला कमेटी की ओर से रामलीला मंचन किया जा रहा है। रामलीला मंचन के चतुर्थ दिवस पर भरत, शत्रुघ्न का अपने ननिहाल से वापस अध्योध्या लौटने, भरत व रानी कैकई का संवाद, भरत का राम को मिलने के लिए वन की ओर गमन करना, राम व भरत मिलन संवाद, भरत का राम की चरण पादुका लेकर वापस अध्योध्या लौटने के दृश्यों को दिखाया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्व ब्लाक प्रमुख गीता नेगी ने किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में पहली बार मातृशक्ति के माध्यम से रामलीला का मंचन किया जाना गौरव की बात है। कहा कि रामलीला का मंचन सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं है, बल्कि पूरी रामलीला मंचन के पीछे समाज को अच्छा संदेश देना भी है। उन्होंने मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम चंद्र के जीवन से प्रेरणा लेने के लिए प्रेरित किया। रामलीला मंचन में भरत व शत्रुघ्न अपनी ननिहाल से वापस अयोध्या पहुंचते है, जहां पर भरत व कैकई का संवाद के दृश्य को दिखाया गया, जहां पर भरत अपने पिता राजा दशरथ, राम, लक्ष्मण सीता के बारे में पूछते है, जहां पर कैकई राजा से मांगे गए दो वरों के बारे में बताती है। जहां पर भरत रूष्ट हो जाते है तथा राम को मिलने के लिए वन चले जाते है, जहां पर भरत व रामचंद्र का मिलाप होता है, भरत रामचंद्र जी से वापस अयोध्या चलने का आग्रह करते है, जिस पर रामचंद्र जी भरत को समझाते है, आखिरकार भरत भगवान रामचंद्र की चरण पादुका लेकर वापस अयोध्या लौट आते हैं। इस मौके पर आंचल कुमार अग्रवाल, राकेश रावत, दिनेश बौंठियाल मौजूद रहे।

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