भारत में कोरोना की वैक्सीन जनवरी तक आने की उम्मीद, ट्रायल अंतिम चरण में: गुलेरिया
नई दिल्ली, एजेंसी। भारत में कोरोना की वैक्सीन को लेकर एम्स दिल्ली के निदेशक ड रणदीप गुलेरिया ने करोड़ों लोगों को खुशखबरी देने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल अंतिम चरण में है। उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक या अगले महीने की शुरुआत में हमें सफलता मिल जाएगी। गुलेरिया ने कहा कि उम्मीद है कोरोना की वैक्सीन जनवरी तक देश में आ जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए भारतीय नियामक अधिकारियों से आपातकालीन इजाजत मिलनी चाहिए ताकि जनता को वैक्सीन देना शुरू किया जा सके।
रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना के टीके की सुरक्षा और प्रभावकारिता से बिल्कुल भी समझौता नहीं किया गया है। 70,000-80,000 लोगों को टीका दिया गया, कोई गंभीर प्रतिकूल प्रभाव नहीं देखा गया। डेटा से पता चलता है कि अल्पावधि में टीका सुरक्षित है। डा. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि शुरुआत में टीका सभी को देने के लिए पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होगा। हमें यह देखने के लिए एक प्राथमिकता सूची की आवश्यकता है कि हम उन लोगों का टीकाकरण करें जिनको कोरोना के कारण मरने की संभावना अधिक है। बुजुर्ग, कमरेडिटी वाले लोगों और फ्रंट लाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को कोरोना का टीका सबसे पहले लगाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि टीके शरीर को अच्छी मात्रा में एंटी-प्रोडक्शन देंगे और कोरोना वायरस से सुरक्षा देना शुरू कर देंगे। यह कई महीनों तक चलेगा। हमें इम्यूनिटी वैक्सीन के प्रकार देखने की जरूरत है।
एम्स के निदेशक गुलेरिया ने कहा कि वैक्सीन रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज बनाने और इसे सुरक्षित रखने के लिए काम चल रहा है। इसके अलावा केंद्र और राज्य स्तर पर टीकाकरण वितरण योजना के लिए युद्घ स्तर पर काम चल रहा है। चेन्नई में कोरोना वैक्सीन के ट्रायल पर प्रभाव को लेकर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि जब हम बड़ी संख्या में लोगों को टीका लगाते हैं, तो उनमें से कुछ को कोई न कोई बीमारी हो सकती है, जो टीके से संबंधित नहीं हो सकती।
कोरोना की लहर के मामले पर उन्होंने कहा कि मरीजों की संख्या में गिरावट देखी जा रही है। आशा है कि यह आगे भी जारी रहेगा। अगले तीन महीने में महामारी को कंट्रोल करने में मदद मिलने की उम्मीद है।