भारत ने कहा, चीन की एलएसी बदलने की हरकत से सीमा से बढ़ा तनाव
नई दिल्ली , एजेंसी। चीन के साथ सीमा विवाद पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि चीन की हालिया हरकत एलएसी पर यथास्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिश थी। भारत हर विवाद का बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण समाधान चाहता है। उन्होंने कहा कि भारत सभी मुद्दों का बातचीत के जरिए हल करने के लिए प्रतिबद्घ है। उन्होंने कहा कि भारत चीन से पुरजोर तरीके से अपील करता है कि वह सीमा पर पूरी तरह पीटे हटने के जरिए शांति की बहाली के लिए भारतीय पक्ष के साथ ईमानदारी से बातचीत करे।
चीन के 118 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध से जुड़े सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, एफडीआई को लेकर जिसमें इंटरनेट और डिजिटल कंपनियां भी शामिल हैं, भारत दुनिया में सबसे खुले देशों में शामिल है। हालांकि, उनकी (कंपनियां) जिम्मेदारी है कि भारत सरकार की तरफ से जारी नियम-कानूनों का पालन करें। गौरतलब है कि सीमा विवाद को लेकर गुरुवार को लगातार चौथे दिन भारत और चीन के सेना के बीच पूर्वी लद्दाख के चुशुल क्षेत्र में ब्रिगेडियर स्तर की बातचीत जारी है। भारतीय सेना के सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। ये बैठक आम तौर पर एक सैन्य हट में होती है, लेकिन इस बार बैठक खुले क्षेत्र में हो रही है। पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर 29, 30 और 31 अगस्घ्त को चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुए टकराव के बाद बढ़े तनाव को कम करने की कोशिश में लगातार बैठक हो रही है।
वार्ता का मुख्य एजेंडा पैंगोंग झील के आसपास हालात को सामान्घ्य करना है। भारत ने ब्लैक टप और हेल्मेट टप के आस-पास चीनी सैनिकों की तैनाती को लेकर चिंता जताई है। भारत ने चीन से भारतीय क्षेत्र में थाकुंग बेस के पास अपनी सेना की तैनाती को पूरी तरह से वापस लेने को कहा है।
उन्होंने कहा कि कुलभूषण जाधव के मसले पर हम राजनयिक माध्यम के जरिए पाकिस्तान के संपर्क में हैं। उसकी सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। शंघाई कोअपरेशन काउंसिल की बैठक के लिए मस्को दौरे के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस के अपने समकक्ष से मिलेंगे। चीनी समकक्ष के साथ बैठक की कोई जानकारी नहीं है। हां, हम इस साल के अंत में चतुर्भुज समूह मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित करने के लिए तत्पर हैं। उन्घ्होंने कहा कि वंदे भारत मिशन के तहत 13 लाख लोगों को अलग-अलग माध्यमों से भारत लाया गया है। इस मिशन का छठा चरण 1 सितंबर से शुरू हो चुका है।
चीन से बातचीत के बीच सतर्क है भारत, थलसेनाध्यक्ष लद्दाख तो वायुसेना प्रमुख एयरबेस के दौरे पर
नई दिल्ली । भारत-चीन के बीच लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बीच भारत हर मोर्चे पर सतर्क है। एक तरफ दोनों देश चुशुल में सीमा विवाद को सुलझान के लिए ब्रिगेडियर स्तर की वार्ता कर रहे हैं। वहीं सेना प्रमुख और वायु सेना प्रमुख सीमा पर हालात का जायजा ले रहे हैं। सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे दो दिवसीय लद्दाख दौरे पर हैं तो दूसरी तरफ वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने बुधवार को पूर्वी सेक्टर में स्थित एयरबेस का दौरा किया।
भारतीय वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने बुधवार को पूर्वी सेक्टर में स्थित एयरबेस का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने परिचालन तैयारियों और वायुसेना की क्षमता की समीक्षा की। उन्होंने इन एयरबेस पर सेवारत जवानों से भी बातचीत की।
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने गुरुवार को लद्दाख का दो दिवसीय दौरा शुरू किया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पेंगोंग झील के दक्षिणी तट के आस-पास यथास्थिति को बदलने के चीन के हालिया प्रयासों के मद्देनजर क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति की व्यापक समीक्षा करने के मकसद से सेना प्रमुख का यह दौरा हो रहा है।
उन्होंने बताया कि क्षेत्र में सैनिकों की तैनाती का निरीक्षण कर रहे सेना के शीर्ष कमांडर जनरल नरवणे को उत्पन्न हुई स्थिति के साथ ही क्षेत्र में मुकाबले की भारत की तैयारी से अवगत कराएंगे। एक सूत्र ने कहा, लद्दाख क्षेत्र में सामरिक तैयारियों की समीक्षा के लिए चीफ अफ आर्मी स्टाफ लेह के दो दिवसीय दौरे पर हैं।
पेंगोंग झील इलाके में उस वक्त तनाव बढ़ गया था जब चीन ने झील के दक्षिणी तट में कुछ इलाकों पर कब्जा करने का असफल प्रयास किया जिसके बाद भारत ने संवेदनशील क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिक एवं हथियार भेजे।
चुशुल में हो रही है ब्रिगेडियर स्तर की वार्ता
भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद के बीच दोनों देशों की सेनाएं पूर्वी लद्दाख के चुशुल सेक्टर में ब्रिगेडियर स्तर की वार्ता कर रही हैं। इस बैठक का आयोजन खुले क्षेत्र में हो रहा है। भारतीय सेना के सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। बताया गया है कि ये बैठक आम तौर एक सैन्य हट (झोपड़ी) में होने वाली सीमा कर्मियों की बैठक (बीपीएम) से उलट है।