नई दिल्ली , एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की एक समिति का गठन किया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने भारत सरकार के सूत्र के हवाले से बताया, इस समिति का मकसद मडिगा और अन्य ऐसे समूहों के लिए होने वाले फैसलों की जांच करना है। यह समिति अनुसूचित जाति समुदायों के हितों की रक्षा के लिए उठाए जा सकने वाले प्रशासनिक कदमों की जांच करेगी। बता दें कि मडिगा व अन्य जनजातीय समूहों ने केंद्र सरकार के पास भेजे अपने दावों में कहा है कि उन्हें सरकारी योजनाओं से मिलने वाले लाभ का उचित हिस्सा नहीं मिल रहा है।
सूत्रों के मुताबिक सचिवों की समिति की दूसरी बैठक में तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक राज्यों के मडिगा समुदाय के प्रतिनिधिमंडल भी शामिल हुए। सचिवों ने इनसे मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने सचिवों की समिति गठित करने के लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया।
सूत्रों ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने समिति को मडिगा समुदाय की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों और उनके सामने आने वाली कठिनाइयों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने सरकार से कहा कि सरकारी लाभ मडिगा और ऐसे समुदाय के दूसरे लोगों को भी समान रूप से मिलने चाहिए। केंद्र और राज्य सरकारों की सभी कल्याण और विकास योजनाओं का लाभ असली लाभार्थियों को दिलाने की अपील भी की गई।
एएनआई के मुताबिक सरकार के सूत्र ने बताया, केंद्र सरकार की इस उच्च स्तरीय समिति ने प्रतिनिधिमंडल की तरफ से उठाई गई चिंताओं पर मंथन किया। समिति ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि सरकार नियमित रूप से समाज के अलग-अलग वर्गों के कल्याण से जुड़े मामलों की निगरानी और समीक्षा करती रहती है। समिति ने भरोसा दिलाया है कि उनके मुद्दों की जांच कर जरूरी उपाय किए जाएंगे।