पटना , बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं के मन में वोटर कार्ड को लेकर चल रही आशंकाओं पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने विराम लगा दिया है। पटना में अपने दो दिवसीय दौरे के समापन पर उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी मतदाताओं को नया वोटर कार्ड जारी नहीं किया जाएगा और पुराने कार्ड पूरी तरह से वैध रहेंगे।
मीडिया से बातचीत में मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, जिन मतदाताओं के डाटा में विशेष पुनरीक्षण के दौरान कोई बदलाव या अपडेट (जैसे फोटो, पता आदि) हुआ है, केवल उन्हें ही 15 दिनों के भीतर नया वोटर कार्ड (श्वक्कढ्ढष्ट) जारी किया जाएगा। जिनके पास पुराने वोटर कार्ड हैं और उनके डाटा में कोई बदलाव नहीं हुआ है, उनका वही कार्ड मतदान के लिए पूरी तरह मान्य रहेगा। उन्होंने यह भी साफ किया कि मतदान के लिए पहले से स्वीकृत अन्य पहचान पत्र भी पहले की तरह ही मान्य रहेंगे।
आधार कार्ड की अनिवार्यता पर चल रहे विवाद पर भी चुनाव आयोग ने स्थिति साफ की। ज्ञानेश कुमार ने कहा, मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए आधार कार्ड देना अनिवार्य न था और न है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, आधार न तो जन्मतिथि का प्रमाण है और न ही नागरिकता का। उन्होंने बताया कि मतदाता बनने के लिए भारत का नागरिक होना ही एकमात्र शर्त है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान को संतोषजनक बताते हुए कहा कि अयोग्य मतदाताओं के नाम हटा दिए गए हैं और नए योग्य मतदाताओं को जोड़ा गया है। उन्होंने यह भी बताया कि आयोग 22 नवंबर से पहले नई सरकार के गठन की प्रक्रिया पूरी करने के लक्ष्य के साथ काम कर रहा है।