बीमा कंपनी को सेवा में कमी और लापरवाही बरतने का दोषी पाया

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हरिद्वार। जिला उपभोक्ता आयोग ने बीमा पॉलिसी का लाभ नहीं देने के मामले में बीमा कंपनी और उसके प्रबन्धक को सेवा में कमी करने और लापरवाही बरतने का दोषी पाया है। आयोग ने कई मदों की धनराशि चार लाख 35 हजार रुपये छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से और शिकायत खर्च के रूप में दस हजार रुपये शिकायतकर्ता को अदा करने के आदेश दिए हैं। शिकायतकर्ता स्नेहलता पाराशर पत्नी दिनेश पराशर निवासी ज्वालापुर, हरिद्वार ने स्थानीय बीमा कंपनी के प्रबंधक स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड रानीपुर, हरिद्वार के खिलाफ शिकायत दायर की थी। शिकायतकर्ता के पति दिनेश ने एक बीमा पॉलिसी बीमा कंपनी से तीन लाख रुपये की ली थी। जिसपर उसके पति तय अवधि में प्रीमियम राशि व नवीनीकरण करा रहे थे। शिकायतकर्ता ने बताया कि उक्त पॉलिसी की अवधि अक्टूबर 2016 में पूरी होनी थी। लेकिन आठ मई 2016 को उसके पति की तबीयत खराब हो गई थी। जिसपर शिकायतकर्ता ने इलाज के लिए उन्हें मेट्रो हॉस्पिटल एंड हार्ट इंस्टीट्यूट सिडकुल में भर्ती कराया था। जहां डॉक्टरों ने उसके पति को हायर सेंटर रेफर कर दिया था। हायर सेंटर दिल्ली में इलाज के दौरान उसके पति की मृत्यु हो गई थी। शिकायतकर्ता ने बीमा कंपनी को अपने पति की मृत्यु होने की सूचना दी थी। लेकिन बीमा कंपनी ने शिकायतकर्ता के पति का क्लेम आवेदन पत्र निरस्त कर दिया था। आयोग ने शिकायत की सुनवाई करने के बाद बीमा कंपनी के प्रबंधक को बीमा राशि तीन लाख, बोनस राशि 60 हजार रुपये, रिचार्ज बैनिफिट 75 हजार रुपये कुल राशि चार लाख 35 हजार रुपये छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से व शिकायत खर्च के रूप में दस हजार रुपये शिकायत कर्ता को अदा करने के आदेश दिए हैं।

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