हिन्दू राष्ट्र निर्माण दिवस के रूप में मनाया गया स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज का जन्म दिन
विद्वान तथा तपस्वी संत हैं स्वामी आनन्द स्वरूप-स्वामी विनोद महाराज
हरिद्वार। शाम्भवी पीठाधीश्वर स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज का जन्म दिवस हिन्दू राष्ट्र निर्माण दिवस के रूप में मनाया गया। जन्म दिवस के अवसर पर भूतपवाला स्थित शाम्भवी धाम में संतों व स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज के शिष्यों ने रूद्राभिषेक कर जन्मदिन की शुभकामनाएं दी और प्रसाद वितरण किया। स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज के प्रतिनिधि आचार्य गिरीश दत्त त्रिपाठी ने रूद्राभिषेक संपन्न कराया। इस अवसर पर सामाजिक सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी विनोद महाराज ने स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज को जन्म दिन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिन्दू राष्ट्र निर्माण के संकल्प को पूरा करने में जुटे स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज विद्वान तथा तपस्वी संत हैं। उनके संयोजन में संत समाज एकजुट होकर हिन्दू राष्ट्र निर्माण के लिए निरंतर संघर्ष कर रहा है। हिन्दू राष्ट्र निर्माण के संकल्प को पूरा करने के लिए हिंदू समाज में निरंतर जनजागरण अभियान चलाया जा रहा है। स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज के संयोजन में हिन्दू राष्ट्र निर्माण का संकल्प अवश्य पूरा होगा।
[pdf-embedder url=”https://dainikjayantnews.com/wp-content/uploads/2022/03/add-1.pdf” title=”add”]स्वामी दिनेशानंद भारती महाराज एवं स्वामी आत्मानंद महाराज ने कहा कि संत समाज सदैव ही राष्ट्र को उन्नति के पथ पर अग्रसर करने में योगदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि धर्म संस्ति के प्रचार प्रसार में स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज अहम योगदान कर रहे हैं। हिंदू हितों को लेकर सजगता से युवा पीढ़ी को भी जागरूक करने में निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं। उपस्थित संतजनों का आभार व्यक्त करते हुए स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज ने कहा कि संत कर्तव्य के पथ पर चलते हुए सनातन हिंदू संस्ति के संरक्षण संवर्द्धन में प्रयासरत हैं। संत की वाणी सदैव ही श्रद्घालु भक्तों का मार्ग प्रशस्त करती है। सरकार को हिंदू हितों को लेकर काम करना चाहिए। देश में हिंदू उत्पीड़न की घटनाओं पर पूर्ण रूप से विराम लगना चाहिए। कुछ लोग धर्म के नाम पर भेदभाव फैलाने का काम कर रहे हैं। ऐसे लोगों से सचेत रहने की आवश्यकता है। धर्मनगरी की मानमर्यादाओं को बनाए रखने में प्रत्येक व्यक्ति को अपना सहयोग देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमालय हिंदुओं का देवालय है। सरकार को हिमालय के संरक्षण संवर्द्धन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इस दौरान सभी संतों ने सरदार भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव सहित देश के सभी अमर शहीदों को नमन करते हुए उन्हें श्रद्घासुमन अर्पित किए।