आजाद की टिप्पणी के रूप में भाजपा को मिला ‘ब्रह्मास्त्र’, राहुल पर हमले जारी रखेगी पार्टी
नई दिल्ली, एजेंसी। विपक्ष 2024 आम चुनाव से पहले एकजुट होने का प्रयास कर रहा है। वहीं, भाजपा को गुलाम नबी आजाद द्वारा राहुल गांधी पर की गई टिप्पणी एक कारगर हथियार के रूप में मिल गई है, जिसे लेकर भाजपा लगातार कांग्रेस पर हमला करना जारी रख सकती है।
बता दें कि विपक्षी दलों द्वारा 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एकजुट होने का प्रयास और अदाणी मुद्दे पर जेपीसी की मांग की जा रही है। गुलाम नबी आजाद के आरोपों के बाद, सोमवार को भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर जोरदार हमला बोला और पूछा कि क्या कांग्रेस नेता देश को कमजोर करने के लिए भारत विरोधी कारोबारियों के साथ काम कर रहे हैं।
बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने गंभीर आरोप लगाया कि राहुल गांधी जब भी विदेश जाते हैं तो वे ‘अवांछनीय व्यवसायियों’ से मिलते हैं। आजाद के बयान पर रविशंकर ने पूछा कि राहुल गांधी किससे मिले? एजेंडा क्या है? क्या राहुल गांधी देश को कमजोर करने के लिए भारत विरोधी व्यापारियों के साथ काम कर रहे हैं?
इससे पहले, आजाद ने एक साक्षात्कार में कहा था, ”यह शर्म की बात है कि राहुल गांधी ने कहा कि उनका कभी भी किसी व्यवसायी से कोई संबंध नहीं रहा है। जबकि उनका पूरा परिवार व्यापारियों से जुड़ा रहा है। क्योंकि मेरे मन में अभी भी गांधी परिवार के लिए बहुत सम्मान है। इसलिए, मैं कुछ भी नहीं बोलना चाहता। नहीं तो, मैं 10 उदाहरण दे सकता हूं।”
इधर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा का मुकाबला करने के लिए विपक्षी एकता के प्रयासों को लेकर बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात की।
आजाद ने कांग्रेस के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी पर दिशाहीन होने का आरोप लगाया था। आजाद ने लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, ”बहुत से लोग कहते हैं कि भारत जोड़ो यात्रा के बाद राहुल गांधी का दबदबा बढ़ गया है। देश में कई लोगों की तरह मैं भी इस धारणा के तहत था, लेकिन पिछले 10 दिनों के दौरान, मैंने महसूस किया कि उनका कोई प्रभाव नहीं है।”
उन्होंने कहा, ”1978 में, गांधी को अयोग्य घोषित कर दिया गया था और जेल गए। कुछ घंटों के भीतर, एक लाख से अधिक लोग जेल गए। 10 लाख लोग जेल के बाहर इंतजार कर रहे थे, क्योंकि जेल में जगह नहीं थी। 10 हजार लोग मेरे साथ थे और संसद तक विरोध मार्च निकाला। मैं खुद तिहाड़ जेल में लगभग एक महीने तक अंदर रहा था।”
आजाद ने कहा, “अब, राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के तुरंत बाद संसद के सदस्य से अयोग्य करार दिए गए, जिसको लेकर एक मच्छर भी नहीं रोया। उन्हें दिल्ली की कार्यसमिति के सदस्यों, दिल्ली के सांसदों और विधायकों के साथ सूरत कोर्ट जाना पड़ा। गुजरात से एक भी युवा या किसान शामिल नहीं हुआ।”
यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी अपने आसपास के लोगों द्वारा गुमराह किए जा रहे हैं, तो इसपर आजाद ने कहा कि राहुल गांधी खुद गुमराह हैं।