भाजपा सरकार का विरोध : करनाल में 30 अगस्त को जुटेंगे किसान संगठन, यूपी में अलर्ट जारी
लखनऊ , एजेंसी। किसानों पर हुए लाठीचार्ज और एक किसान की शहादत के विरोध में 30 अगस्त को विभिन्न संगठन करनाल में इकठ्ठा होंगे। किसान नेता खट्टर सरकार की इस अमानवीय हिंसक कार्रवाई के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध करने पर विचार करेंगे। अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय संयोजक अतुल कुमार अंजान ने रविवार को यह जानकारी दी।
अतुल अंजान ने कहा कि करनाल में एक किसान की शहादत हो गई, नौ किसानों के पैर तोड़ दिए गए। चार किसान अभी भी आईसीयू में कोमा की स्थिति में हैं। हरियाणा की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री खट्टर ने किसानों को सबक सिखाने का निर्णय ले लिया है। आंदोलन को राजकीय हिंसा में बदलने का फैसला कर लिया है। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को अपनी मांगों के समर्थन में सरकारी पदों पर बैठे हुए मंत्रियों को काला झंडा दिखाकर अपना रोष को प्रकट करने का पूरा लोकतांत्रिक अधिकार है।
उन्होंने कहा कि सत्ता में आने से पहले भारतीय जनता पार्टी और राट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता यही काम पिछले 30 सालों से करते रहे। लेकिन अब जब उनकी नीतियों के विरोध में किसान, मजदूर, नौजवान, विद्यार्थी, महिलाएं, सरकारी कर्मचारी, भूतपूर्व सैनिक, प्रोफेसर, डक्टर और कलाकार अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं तो उन पर लाठियां बरसाई जा रही हैं। उन पर राष्ट्रद्रोह जैसे मुकदमे कायम किए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश और हरियाणा भारतीय जनता पार्टी की नीतियों की प्रयोगशाला बन गई है। सभी फासिस्ट परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए पूरी ताकत से जुटे हैं।
हरियाणा के करनाल में लाठी चार्ज के बाद किसानों के गुस्से को देखते हुए यूपी में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की पुलिस को सतर्क किया गया है। खासकर गाजियाबाद और गौतमबुद्घनगर के साथ हरियाणा यूपी बॉर्डर और बॉर्डर से लगे यूपी के जिलों को सतर्क किया गया है।
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि करनाल की घटना से यूपी पर किसी तरह का फिलहाल असर नहीं है। बावजूद इसके सतर्कता के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि यूपी में किसानों का जो प्रदर्शन चल रहा है, वह सभी शांति पूर्ण है। वहीं सूत्रों का कहना है कि हरियाणा की घटना के बाद यूपी के विभिन्न टोल प्लाजा पर सतर्कता बढ़ा दी गई है।