भाजपा की डीएनए में ही भ्रष्टाचार है : हरीश रावत
-सरकार यह स्पष्ट करे कि स्वरोजगार उनका नारा है या कार्यक्रम
बागेश्वर। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार यह स्पष्ट करे कि स्वरोजगार उनका नारा है या कार्यक्रम। कहा कि जब तक प्रवासी युवाओं को रोजगार से नहीं जोड़ा जाता तब तक यह जुमला ही साबित होगा। सरकार करो कम और कहो ज्यादा की नीति अपनाकर लोगों को बरगला रही है। आज पहाड़ के हर गांव में बेरोजगारों की फौज जमा हो गई है। सरकार के पास इन्हें रोजगार देने की कोई नीति नहीं है। ताकुला मार्ग स्थित पूर्व ब्लॉक प्रमुख के घर में सोमवार को पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि नोटबंदी के वक्त डबल इंजन की सरकार ने खूब वारे-न्यारे किए। इस धन से भाजपा ने पूरे देश में आलीशान कार्यालय बना डाले हैं। बागेश्वर में भी दस करोड़ की लागत से भवन बना है। यह भवन जनता के पैसे से बना है। इसके बाद भी भाजपा खुद को दूध का धुला बता रही है। उनके डीएनए में ही भ्रष्टाचार है। सरकारी धन को कार्यकर्ताओं में बांटा जा रहा है। भ्रष्टाचार का यह आलम है कि प्रदेश में प्रश्नपत्र लीक होने के कारण 18 हजार युवाओं को आज तक रोजगार नहीं मिल पाया है। सरकार की कार्यशैली से जनता परेशान हो गई है।वरिष्ठ कांग्रेसी रावत ने कहा कि डबल इंजन की सरकार को आम आदमी की समस्या से कुछ भी लेना-देना नहीं रहा गया है। उनके कार्यकाल में चलाई जा रही कई जनहित की योजनाओं को सरकार ने या तो बंद कर दिया गया है या उनका नाम बदल दिया है। जतना भी अब इनकी मंशा को समझने लगी है। विकास ठप हो गया है। इस मौके पर जिलाध्यक्ष लोकमणि पाठक, राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा, पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण, हरीश ऐठानी, राजेंद्र ऐठानी, गीता रावल, राजेंद्र बाराकोटी, धीरज कोरंगा आदि मौजूद रहे। जिले में पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।