भाजपा विधायक सुरेश राठौर ने एफआईआर पर रोक लगाने से संबंधित याचिका ली वापस
नैनीताल। दुष्कर्म मामले में फंसे हरिद्वार ज्वालापुर से भाजपा विधायक सुरेश राठौर ने एफआइआर एफआईआर दर्ज होने के बाद एफआईआर पर रोक लगाने से संबंधित याचिका वापस ले ली है। साथ ही दुष्कर्म के मामले में दर्ज केस में गिरफ्तारी पर रोक लगाने को नई याचिका दायर की है। जिस पर बुधवार या गुरुवार को सुनवाई हो सकती है।
हरिद्वार के ज्वालापुर विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी विधायक सुरेश राठौर के खिलाफ उन्हीं की पार्टी की एक नेत्री ने दो जून 2021 में दुराचार का आरोप लगाते हुए ज्वालापुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया था ज्वालापुर कोतवाली पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर विधायक सुरेश राठौर के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया था। मुकदमा दर्ज होने से पहले विधायक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर निचली कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की प्रार्थना की थी। यह मामला सुनवाई में आना था कि इससे पहले विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया। जिसके बाद विधायक द्वारा शनिवार को मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगाने को दूसरी याचिका दायर की।
सोमवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनएस धानिक की एकलपीठ में पहली याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें उनके अधिवक्ता आदित्य प्रताप सिंह ने अदालत को बताया कि मामले में मुकदमा दर्ज हो चुका है, लिहाजा याचिका वापस ले रहे हैं और नई याचिका दायर कर दी है। कोर्ट ने सरकार से पूछा तो सरकार की ओर से भी मुकदमा दर्ज होने की जानकारी दी गई। जिसके बाद कोर्ट ने पहली याचिका खारिज कर दी।
हाई कोर्ट पहुंचे विधायक सुरेश राठौर का कहना है कि उनके ऊपर लगाए गए दुष्कर्म के आरोप निराधार हैं। आरोप लगाने वाली महिला व उसके पति समेत अन्य लोगो के द्वारा उनसे 30 लाख की रंगदारी मांगी गई ,जब उनके द्वारा पैसे नहीं दिए गए तो उसके बाद महिला को उसके पति समेत अन्य लोगों के द्वारा उनकी सामाजिक और राजनीतिक छवि को धूमिल करने के की धमकी दी।
उनके खिलाफ ज्वालापुर कोतवाली में दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए ज्वालापुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवा दिया। विधायक के अनुसार महिला द्वारा उनसे बदला लेने व उनको बदनाम करने के लिए उन पर मुकदमा दर्ज करवाया है ,क्यों कि रंगदारी मांगने के मामले में उनके द्वारा महिला समेत उसके पति व अन्य के खिलाफ ज्वालापुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोपियो को रंगदारी मांगने व ब्लैकमेल करने के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था।