भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बोले, सैनिकों का दर्द समझती है मोदी सरकार
रायवाला (ऋषिकेश)। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश मजबूत हाथों में है और अब सुरक्षा में लगे सैनिकों को दुश्मन की गोलाबारी का जवाब देने के लिए सरकार से अनुमति की जरूरत नहीं पड़ती। फौज का मनोबल कई गुना बढ़ा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सैनिकों का दर्द समझती है। यही वजह है कि सैनिकों और पूर्व सैनिकों के हित में कई योजनाएं शुरू की गई हैं।
शनिवार को उत्तराखंड के दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन रायवाला में पूर्व सैनिकों से संवाद और सम्मान समारोह में भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि दीपावली हर कोई अपने घर में अपने माता-पिता, अपने भाईयों व अपने बच्चों के साथ मनाना चाहता है, लेकिन प्रधानमंत्री हर वर्ष सीमा पर सेना के जवानों के साथ दीपावली मनाते हैं। सीमा पर मोदी सरकार ने 73 आल वेदर रोड बनाई हैं। मेक इन इंडिया के तहत बुलेट प्रूफ जैकेट भारत में बन रही हैं। मोदी सरकार ने रक्षा सौदों में दलाली पूरी तरह से खत्म की है। वन रैंक, वन पेंशन की मांग वर्ष 1972 से थी, लेकिन इस पर ध्यान सिर्फ मोदी सरकार ने दिया, क्योंकि वह एक सैनिक का दर्द समझते हैं। उत्तराखंड देव भूमि के साथ वीर भूमि भी है। पूरा देश उत्तराखंड को सम्मान से देखता है।
इससे पूर्व भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। पूर्व सैनिक संगठन की ओर से जेपी नड्डा व अन्य अतिथियों को स्मृति चिह्न दिए गए। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड को सैन्य धाम बनाने पर हर्ष जताते हुए कहा कि हमें अपने देश की सेना पर गर्व है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि उत्तराखंड में कोई भी कार्यक्रम पूर्व सैनिकों के बिना अधूरा है। उत्तराखंड ऐसा राज्य है, जिसके हर गांव का व्यक्ति भारतीय सेना में है। केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि जैसा अनुशासन फौज में होता है, वैसा ही भाजपा में होता है। कार्यक्रम का संचालन प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने किया।
इस दौरान कार्यक्रम संयोजक व सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास मंत्री गणेश जोशी, भाजपा प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, सह प्रभारी रेखा वर्मा, प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार, राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख व राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में जसवंत सिंह रावत (मरणोपरांत महावीर चक्र), हवलदार गजेंद्र सिंह रावत (मरणोपरांत अशोक चक्र), हवलदार बहादुर सिंह (मरणोपरांत अशोक चक्र), राइफल मैन संजय शाही (कीर्ति चक्र), राइफल मैन चंद्र किशोर (सेना मेडल), सूबेदार प्रदीप थापा (सेना मेडल), लांस नायक विनोद सिंह (सेना मेडल) और नायक सूबेदार रघुवीर सिंह (सेना मेडल) के स्वजन को शाल ओढ़ाकर व स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया।