भाजपा का मंथन: यूपी चुनाव की रणनीति तैयार, 100 दिन में 100 कार्यक्रम से दी जाएगी इसे धार
नई दिल्ली, एजेंसी। आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अभी से अपनी रणनीति को धार देनी शुरू कर दी है। इसे लेकर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को नई दिल्ली में संगठन के पदाधिकारियों और अहम नेताओं के साथ बैठक कर तैयारी को लेकर मंथन किया।
ये बैठक पार्टी के 11 अशोक रोड स्थित दफ्तर में हुई। इसमें केंद्रीय मंत्री व पार्टी के यूपी चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, उत्तर प्रदेश के प्रभारी व पूर्व केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह, संगठन सचिव बीएल संतोष, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और संगठन सचिव सुनील बंसल शामिल हुए।
ये बैठक हर मतदाता तक पहुंचने के लिए संगठन, उसके कैडर और नेताओं को शामिल करने के लिए रणनीति और कार्यक्रमों को अंतिम रूप देने के लिए बुलाई गई थी। पार्टी अहम चुनावों से पहले लगभग 100 दिनों में 100 कार्यक्रम शुरू करने की तैयारी कर रही है। इस रणनीतिक बैठक में मतदान से 100 दिन पहले मतदाताओं से जुड़ने के पार्टी के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया। इसके साथ ही भाजपा सरकार द्वारा शुरू किए गए कल्याणकारी कार्यक्रमों के साथ मतदाताओं तक पहुंचने के लिए एक विस्तृत योजना भी तैयार की जा रही है।
बताया जा रहा है कि हर मोर्चे को विधानसभा क्षेत्रवार अपने कार्यक्रमों और बैठकों को पूरा करने के लिए तय दिनों का समय दिया जाएगा। हर मोर्चे को हर विधानसभा क्षेत्र तक पहुंचना है। सूत्रों के मुताबिक, इस सूची में पन्ना प्रमुख सम्मेलन मंडलवार, छह क्षेत्रों में सदस्यता अभियान, हर बूथ पर 100 सदस्यों को शामिल किया जाना है। साथ ही उन 81 सीटों पर रैलियां करना भी शामिल है, जिन पर पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा को हार मिली थी।
दिल्ली में बुलाई गई बैठक में न सिर्फ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों की रणनीति पर चर्चा होनी है बल्कि अपने काडर और नेताओं को एक-एक वोटर तक कैसे पहुंचाना है, इस पर भी विचार होगा। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अगले साल शुरुआत में ही होने हैं। इसे लेकर सभी दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है।
साल 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने प्रचंड जीत हासिल की थी। भाजपा ने 403 सीटों पर से 312 पर जीत दर्ज की थी। पार्टी का वोट शेयरिंग 39़67 फीसदी था। समाजवादी पार्टी के खाते में 47 सीटें, बसपा को 19 और कांग्रेस को महज सात सीटें ही मिली थी।