बोर्ड के खराब रिजल्ट पर छात्रों और अभिभावकों का हंगामा
रुद्रपुर। राजकीय इण्टर कालेज शांतिपुरी में वर्ष 2020 का हाईस्कूल बोर्ड परीक्षाफल 37 वर्षों के न्यूनतम स्तर पर पहुंचने से छात्र-छात्राओं और अभिभावकों में रोष है। आक्रोशित छात्रों व अभिभावकों ने विद्यालय में हंगामा किया और प्रभारी प्रधानाचार्य व शिक्षकों को दोषी ठहराते हुए उन पर कक्षाओं में पढ़ाने के बजाय स्कूल कैंटीन व दूसरे स्थानों पर बैठ कर समय व्यतीत करने का आरोप लगाया है। आदर्श विद्यालय राजकीय इण्टर कालेज शांतिपुरी का रिजल्ट 36.53 प्रतिशत रहा। जबकि विद्यालय का टोटल परीक्षाफल भी मात्र 73.22 प्रतिशत पर ही सिमट गया। इस दौरान प्रभारी प्रधानाचार्य अजय साहू ने विद्यालय प्रशासन की ओर से अभिभावकों व स्कूली बच्चों की शिकायतें तो सुनीं लेकिन मात्र तीन दिन के कार्यवाहक प्रधानाचार्य होने का हवाला देकर ठोस निर्णय देने से असमर्थता जतायी। अभिभावकों ने 15 दिन के भीतर समीक्षा बैठक नहीं होने व दोषी शिक्षकों पर कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। यहां शिक्षक अभिभावक संघ अध्यक्ष बीरेन्द्र कोरंगा, प्रधान पति बिशन सिंह कोरंगा, भाजपा मण्डल महामंत्री संदीप कार्की, कांग्रेस प्रदेश महासचिव विनोद कोरंगा, प्रधान पति कैलाश जोशी, सैनिक लीग के जिला संयोजक देवेन्द्र कोरंगा, पूर्व पीटीए अध्यक्ष इन्दर मेहता, प्रताप सिंह कोरंगा, सुनीता रावत, बसन्ती देवी, पूजा फत्र्याल, सरोज कुमारी, तेजू बिष्ट, राजेन्द्र सिंह, चंदन सिंह कोरंगा, डा. एसपी मिश्रा, अनुराग, जीवन राम, सोहन आर्या आदि मौजूद रहे।
बोर्ड से परीक्षा गजट आने के बाद ही विद्यालय के खराब परीक्षाफल पर समीक्षा संभव है। जल्द इस संबंध में विस्तृत जांच कर दोषी शिक्षकों के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि की संस्तुति की जाएगी। – मातादीन गौतम, खण्ड शिक्षाधिकारी।
विद्यालय को चलाने में शिक्षकों का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है। मार्कशीट व अंक तालिका आने पर खराब बोर्ड परीक्षा फल वाले विषयाध्यापकों
के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही विधि संगत होनी तय है। रही समीक्षा बैठक की बात तो अभिभावक डीएम से अनुमति लें तभी मैं बैठक कराऊंगा।
-प्रेमनारायण सिंह प्रभारी प्रधानाचार्य राइंका शांतिपुरी।
आदर्श विद्यालय होने के नाते कई लाखों रुपये की स्मार्ट कक्षाएं अत्याधुनिक संसाधनों से लैस हैं, लेकिन न स्टाफ पूरा है और न ही शिक्षकों में अनुशासन। इसकी वजह से निर्दोष छात्र-छात्राओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है। – चंद्रकला कोरंगा, प्रधान शांतिपुरी