देहरादून। प्रदेश के बीपीएड एमपीएड प्रशिक्षित बेरोजगारों ने इच्छा मृत्यु मांगी है। बुधवार को उन्होंने डीएम के माध्यम से राष्ट्रपति,राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर ये मांग की। बेरोजगार संघ के अध्यक्ष जगदीश पांडे ने कहा कि पिछले 15 सालों से अपने रोजगार के लिए शासन प्रशासन और राज्य सरकार से लगातार पत्राचार करते आ रहे हैं। आंदोलन भी किए। लेकिन सरकार ने आज तक सुध नहीं ली। कहा कि हैरानी की बात है कि सरकार केा हमारी डिग्रियों और प्रशिक्षण की कोई उपयोगिता नहीं दिखती। ऐसे में वे अब ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। कहा कि कुछ समय पहले तक बीपीएड डिग्रीधारकों को प्राथमिक शिक्षा के तहत विशिष्ट बीटीसी में सहायक अध्यापक के पदों पर भर्ती की जाती थी। लेकिन 2006 से यह भर्ती बंद हो गई। जिसके तहत हम बीपीएड बेरोजगारो को दरकिनार कर दिया गया था और ना ही हमारे लिए कोई ठोस नीति बनाई गई। जब से नई शिक्षा नीति 2020 लागू हुई है तब से बीपीएड एमपीएड प्रशिक्षित बेरोजगारों में आस जगी थी। जिसमें कि यह कहा है कि प प्रत्येक प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्कूलों में एक-एक शारीरिक शिक्षक नियुक्त करना अनिवार्य होगा। जिससे कि बच्चों को शुरू से ही खेलों के बारे में जानकारी हासिल करें और वह अपना शारशारीरिक मानसिक विकास के साथ-साथ अपना सर्वांगीण विकास भी कर सके। लेकिन फिर भी सरकार और शासन प्रशासन ने कुछ नहीं किया। ज्ञापन देने वालों में हरेंद्र खत्री, अनिल राज,सुमन सिंह नेगी, अर्जुन लिंगवाल, महेश नेगी, भुवनेश बिष्ट, पंकज वसु, रजत बसु, गोविंद सिंह, गोविंद बिजलवान,मुन्ना मेहरा, दीपक जोशी,कैलाश जोशी, आलोक शाह,गिरीश मिश्रा, धनपाल सिंह, विजेंद्र सिंह, सुरेश कुमार,आशीष कुमार,वीरेंद्र खंडूरीआदि लोग मौजूद थे।