उत्तराखंड

तुंगनाथ में जलवायु परिवर्तन एवं पर्यटन स्थल संरक्षण पर मंथन

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चमोली। महाविद्यालय नागनाथ पोखरी में भारत जी 20 व्याख्यान श्रृंखला में भूगोल विभाग द्वारा भौगोलिक भ्रमण में हिमालय शिखर तुंगनाथ में जलवायु परिवर्तन एवं पर्यटन स्थल संरक्षण पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला स्थल तुंगनाथ 3680 मीटर एवं चन्द्रशिला 4000 मीटर ऊंचाई पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के तथ्यों का अध्ययन एवं नमूने एकत्र किये गये। कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता प्राचार्य प्रोफेसर पंकज पंत शामिल हुए। उन्होंने तुंगनाथ पर्यटन स्थल में जलवायु परिवर्तन के परिपेक्ष्य में यहाँ के भौगोलिक स्वरूप, संसाधनों के नवीनीकरण, अनवीनीकरण संसाधनों पर व्याख्यान दिया। उन्होंने हिमानी, परिहिमानी, बाझ, बुराश बुग्याल पर जलवायु प्रभाव तथा बुराश की चार किस्म बैंगनी, सफेद, लाल तथा गुलाबी पर ऊंचाई एवं जलवायु प्रभाव को समझाया। हिमनद अवशेष के रूप में तुंगनाथ के निचले ढाल को दिखाकर हिमनद के अवशेष तथा स्थलखण्ड अक्ष की प्रमाणिकता एक स्थान पर बड़े बोल्डरों को ढाल एवं गुरुत्वाकर्षण शक्ति पर अपना व्याख्यान दिया। पर्यावरण संरक्षण के साथ ही मोनाल स्थली पर इस जी 20 कार्यशाला के आयोजन पर भूगोल विभाग की सराहना की। असिस्टेंट प्रोफ्रेसर ड़ राजेश भट्ट ने पर्यटक स्थल संरक्षण पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि धार्मिक स्थल उत्तराखण्ड के पर्यटक स्थलों की सुरक्षा कर रहें हैं। हिमालय में धार्मिक एवं पर्यटक स्थल एक साथ होने पर व्यक्ति धार्मिक भावनाओं के कारण प्रति को दैवीय स्वरूप मान रहा है एवं माना जाना चाहिए जो कि पर्यटक स्थल संरक्षण हेतु अनुकूल है। तुंगनाथ में भू-स्खलन तथा गली अपरदन एवं बुग्याल मार्ग प्रवेश निषेध पर वन विभाग के प्रयास की सराहना की तथा व्याख्यान में बताया कि हिमालयी पर्यटक स्थलों में वन विभाग एवं कार्मिक की अहम भूमिका है। सहायक प्राध्यापक ड़ उपेन्द्र सिंह चौहान द्वारा तुंगनाथ एवं चन्द्रशिला तथा चोपता में विभिन्न नमूनों मिट्टी, लकड़ी, बुरांश चौल के नमूनों का अध्ययन हेतु संकल्न किया गया तथा सहभागियों को भ्रमण के दौरान भौगोलिक तथ्यों की जानकारी दी। छात्रा उमा ने पर्यटकों के द्वारा प्लास्टिक के उपयोग एवं साथ में संग्रहित कर सुनियोजित स्थल पर लाने हेतु पर्यटकों की प्रशंसा की। भौगोलिक भ्रमण की संयोजिका डा़ रेनू सनवाल द्वारा कार्यशाला का संचालन तथा जी 20 एवं भौगोलिक भ्रमण के महत्व को समझाया। इस मौके पर विभागाध्यक्ष भूगोल डा़ अंजली रावत, विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र ड़ सुनीता मेहता, विभागाध्यक्ष शिक्षाशास्त्र डा़ अंधु सिंह, राजनीति विभाग के डा़ रामानंद उनियाल, प्रबल मानवेन्द्र एवं छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।

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