‘खुद को जागीरदार समझती है बीआरएस ‘, प्रियंका ने सरकार पर लगाया किसानों-युवाओं की उपेक्षा करने का आरोप
हैदराबाद , एजेंसी। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार को भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) पर किसानों और युवाओं की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया की बीआरएस सरकार ने राज्य को अपनी जागीर और खुद को जागीरदार समझ लिया है। वह यहां पार्टी की ‘युवा संघर्ष रैली’ को संबोधित कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिन उम्मीदों और सपनों के साथ तेलंगाना की स्थापना हुई थी वो पूरे नहीं हो सके।
छह महीने बाद तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। प्रियंका गांधी ने प्रदेश की जनता से आह्वान किया कि वो एक ऐसी सरकार को चुने जो उनके हित में काम करे। उन्होंने इस मौके पर एक ‘युवा संकल्प’ भी जारी किया जिसमें बेरोजगारी भत्ते समेत युवाओं के लिए कई वादे किए गए हैं। प्रियंका ने आगे कहा , जब सैकड़ों युवाओं ने तेलंगाना के लिए कुर्बानी दी तो मेरी मां सोनिया गांधी ने गहराई से समझा कि यहां के लोग क्या चाहते हैं। अगर सोनिया गांधी उस वक्त सत्ता और अपनी पार्टी एवं राजनीति के बारे में सोचतीं तो शायद यह निर्णय नहीं ले पातीं। लेकिन सोनिया जी ने आपके बारे में सोचा, तभी यह निर्णय लिया गया।
कांग्रेस महासचिव का कहना था, “सबको उम्मीद थी कि यह एक मजबूत प्रदेश बनेगा। लेकिन अफसोस की बात है कि जो आपका सपना था और जो आपकी इच्छा थी वो अभी तक पूरी नहीं हुई…आपको एक ऐसी सरकार मिली जिसने तेलंगाना के सपने को तोड़ा है।” उन्होंने आरोप लगाया, “आज परिस्थितियां ये हैं कि सत्ताधारी लोगों को ही सारा पैसा मिल रहा है। यहां युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है, बल्कि सत्ताधारी लोगों के करीबियों को मिल रही हैं। बीआरएस सरकार एक ऐसा शासन चला रही है जिसमें आपके सपने साकार नहीं हो पा रहे हैं।”
प्रियंका गांधी ने बीआरएस और उसके नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा, “शायद उनको (बीआरएस) लगता है कि यह प्रदेश उनकी नयी जागीर है और वो इसके जागीरदार हैं।” कांग्रेस महासचिव ने बीआरएस सरकार पर युवाओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया और कहा, “सरकार में दो लाख नौकरियां खाली हैं, लेकिन वो भरी नहीं गयीं।” उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के तेलंगाना के प्रति योगदान को याद किया और लोगों का आह्वान किया कि वो कांग्रेस का समर्थन करें ताकि उनके सपनों को पूरा करने के लिए काम हो सके।