दिल्ली चुनाव में भाजपा और आप की सरकारी छत्रछाया हावी होने के कारण बसपा को नहीं मिले नतीजे : मायावती

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लखनऊ , बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे तथा बसपा मूवमेंट के हित के खास मुद्दों को लेकर दिल्ली व अन्य पड़ोसी राज्यों के वरिष्ठ पदाधिकारियों की एक बैठक कर जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली चुनाव में भाजपा व आप पार्टी की सरकारी छत्रछाया ज्यादातर हावी रहने के कारण बसपा को अपेक्षित परिणाम नहीं मिल सका। मायावती ने कहा कि दिल्ली चुनाव में दो पार्टियों के बीच राजनीतिक द्वेष, छल व चुनावी छलावा होने के कारण यहां के बहुजनों की स्थिति बदतर रहकर सही से सुधरने वाली नहीं लगती है। अर्थात् लोगों को उनके अपने थोड़े अच्छे दिन के लिए आगे भी तरसते रहना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव भी, हरियाणा की तरह ही था। यहां बसपा के लोगों ने पूरी दमदारी के साथ संघर्ष किया। लेकिन विरोधी पार्टियों की जबरदस्त राजनीतिक चालबाजी व जुमलेबाजी के कारण भाजपा व आप पार्टी की सरकारी छत्रछाया ज्यादातर हावी रही और इस कारण बसपा को अपेक्षित परिणाम नहीं मिल सका। लोगों को इससे निराश न होकर अपने आत्म-सम्मान का अम्बेडकरवादी संघर्ष पूरे तन, मन, धन से जारी रखना है।
बसपा प्रमुख ने कहा कि यह पार्टी एक ऐसी अम्बेडकरवादी सोच-सिद्धांत वाली पार्टी है जिसने अपने संघर्ष के बल पर अनेकों राजनीतिक व चुनावी सफलताएं प्राप्त की हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका में अवैध प्रवासी बताकर सैकड़ों भारतीयों को हथकड़ी व पांव में बेड़ी डालकर लगातार घर वापस किए जाने की घटना अति-दुखद व चिंतनीय है।
मायावती ने कहा कि अमेरिका से यह खबर काफी चौंकाने वाली है कि भारत के वोटरों की संख्या को बढ़ाने के नाम पर 21 मिलियन डॉलर की भारी भरकम धनराशि मिलती रही है। देश के लोगों को इससे जरूर चौकन्ना हो जाना चाहिए कि कहीं यह स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव में हस्तक्षेप तो नहीं है और अगर है तो इससे किसको लाभ मिलता रहा है।
अगले माह 15 मार्च को बहुजन समाज पार्टी के जन्मदाता एवं संस्थापक बहुजन नायक कांशीराम की जयंती के बारे में उन्होंने कहा कि इस बार दिल्ली प्रदेश के लोग नोएडा नहीं जाकर नई दिल्ली में स्थित बहुजन प्रेरणा केन्द्र में श्रद्धा सुमन करेंगे। ऐसे ही नौ अक्टूबर को उनके निर्वाण दिवस पर होने वाला श्रद्धा-सुमन अर्पित कार्यक्रम भी दिल्ली प्रदेश के लोग नई दिल्ली बहुजन प्रेरणा केंद्र में ही आयोजित करेंगे, जबकि देश के अन्य राज्यों में बसपा के लोग उनकी जयंती पहले की ही तरह मंडल अथवा राज्य स्तर पर विचार संगोष्ठी के कार्यक्रम मनाएंगे।

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