– स्वच्छ हरिद्वार -सुंदर हरिद्वार अभियान के अंतर्गत जिला प्रशासन, आईटीसी मिशन सुनहरा कल और भुवनेश्वरी महिला आश्रम की संयुक्त पहल
हरिद्वार(। जिला प्रशासन के “स्वच्छ हरिद्वार–सुंदर हरिद्वार” अभियान तथा जिलाधिकारी महोदय के निर्देशों के क्रम में, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी श्रीमती मीरा रावत के मार्गदर्शन में ग्राम समीर सलेमपुर महदूद में स्वच्छता का एक ऐतिहासिक और व्यापक अभियान चलाया गया।
आईटीसी मिशन सुनहरा कल एवं सहयोगी संस्था भुवनेश्वरी महिला आश्रम द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम गाँव में स्वच्छता का मजबूत संदेश छोड़ गया।
कूड़े के पहाड़ को हटाकर बनाई साफ-सुथरी राह: राजकीय प्राथमिक विद्यालय सलेमपुर एवं इंटर कॉलेज के सामने वर्षों से जमा हो चुका कूड़े का विशाल ढेर इस अभियान के दौरान पूरी तरह साफ कर दिया गया। ग्राम प्रधान संगीता पाटिल तथा उनके पुत्र मोहित पाटिल ने उल्लेखनीय पहल करते हुए जेसीबी मशीन उपलब्ध करवाई, जिससे यह कठिन कार्य प्रभावी रूप से पूरा हो सका। साथ ही, खण्ड विकास बहादराबाद की टीम ने वाहन उपलब्ध करवाकर अभियान को और गति दी। यह कार्य मात्र सफाई नहीं, बल्कि गाँव की सेहत, स्वच्छ छवि और सामुदायिक गर्व की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
स्वच्छता ही सेवा”- बच्चों की रैली बनी प्रेरणा : विद्यालयों के बच्चों ने “स्वच्छता ही सेवा” के नारों के साथ पूरे गाँव में जागरूकता रैली निकाली।
छोटे-छोटे बच्चों की यह प्रेरक भागीदारी यह दर्शाती है कि नई पीढ़ी स्वच्छ भारत–स्वच्छ गाँव के संकल्प को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर है।
मोहल्ला समितियों से संवाद- सामुदायिक चेतना को मिली मजबूती : अभियान के दौरान भुवनेश्वरी महिला आश्रम एवं मिशन सुनहरा कल टीम ने मोहल्ला समिति तथा ग्रामीणों से गहन संवाद किया। इस संवाद में स्वच्छता के स्वास्थ्य संबंधी लाभ, पर्यावरण संरक्षण, तथा सामाजिक जिम्मेदारी जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। लोगों को यह भी समझाया गया कि कचरा न सिर्फ बदबू और प्रदूषण फैलाता है, बल्कि मच्छरजनित बीमारियों का प्रमुख कारण भी बनता है। जिला प्रशासन के सहयोग से आईटीसी मिशन सुनहरा कल एवं भुवनेश्वरी महिला आश्रम की टीम ने पूरे गाँव में फैला कचरा एकत्र कर करीब 2 टन कचरे का सफलतापूर्वक निस्तारण कराया। यह आँकड़ा इस बात का प्रमाण है कि अभियान कितनी गंभीरता और दृढ़ संकल्प के साथ चलाया गया।
स्वच्छता- एक आदत, एक जिम्मेदारी, एक संस्कार: इस कार्यक्रम ने गाँव के नागरिकों को यह संदेश दिया कि—स्वच्छता स्वास्थ्य की कुंजी है, स्वच्छता पर्यावरण की सुरक्षा है, और स्वच्छता सभ्यता और सम्मान का प्रतीक है। यदि हर ग्राम इसी संकल्प के साथ आगे आए, तो गाँव–गाँव में स्वच्छता की नई मिसालें कायम होंगी।
जिला प्रशासन की यह पहल न केवल वर्तमान की आवश्यकता है, बल्कि स्वच्छ, सुरक्षित और विकसित हरिद्वार के निर्माण की दिशा में अत्यंत सार्थक प्रयास है।