कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का इस्तीफा
देहरादून । उत्तराखंड में कांग्रेस के बाद अब शायद भाजपा में भी अंतर्कलह उभर रही है। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने शुक्रवार शाम मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले वे कैबिनेट बैठक को बीच में छोड़कर निकल आए थे।
इस्तीफा देने के बाद हरक सिंह रावत ने कहा कि उनकी स्वीकृत योजनाओं को लटकाया जा रहा है। यशपाल आर्य के बाद एक और बड़े मंत्री के इस्तीफे से सत्तारूढ़ भाजपा को करारा झटका लगा है। हरक सिंह रावत इससे पहले कांग्रेस में थे। हरक सिंह के पास वन मंत्री का प्रभार था।
कहा जा रहा है कि हरक सिंह रावत कोटद्वार में मेडिकल कलेज खोले जाने के लिए पिछले कुछ समय से सरकार पर लगातार दबाव बना रहे थे। हालांकि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक एक जिले में एक ही सरकारी मेडिकल कलेज खुल सकता है। श्रीनगर में पहले से मेडिकल कलेज है। यही वजह है कि कोटद्वार में मेडिकल कलेज नहीं खुल पा रहा था। इससे नाराज वन मंत्री कैबिनेट की बैठक छोड़कर चले गए।
वहीं, भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ के भी भाजपा से इस्तीफा देने की खबरें आ रही है। काऊ और हरक सिंह रावत उन 10 विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने मार्च 2016 में एक साथ कांग्रेस छोड़ दी थी और भाजपा में शामिल हुए थे।
बात दें कि हरक सिंह रावत उत्तराखंड के बड़े नेताओं में शामिल हैं। वर्ष 2016 में उन्घ्होंने कांग्रेस से बगावत करते हुए भाजपा ज्घ्वाइन की थी। पहली बार वर्ष 1991 में हरक सिंह रावत पौड़ी से चुनकर विधानसभा आए थे। उस समय उत्घ्तराखंड अलग राज्घ्य नहीं था।