संपादकीय

कैबिनेट तक कोरोना की दस्तक

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

उत्तराखंड में कोरोना का आंकड़ा एक हजार की संख्या पर पहुंच गया है तो वहीं उत्तराखंड की कैबिनेट भी अब कोरोना की संभावनाओं में घिर गयी है। उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। इससे पूर्व सतपाल महाराज की पत्नी अमृता रावत भी कोरोना संक्रमित पाई गयी थीं जिन्हें एम्स ऋषिकेश में उपचार्थ रखा गया है। इधर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के कोरोना पॉजीटिव पाए जाने के बाद उत्तराखंड की कैबिनेट समेत कई विधायक, अफसर, कर्मचारी एवं पार्टी कार्यकर्ता भी संदेह के दायरे में हैं। 29 मई को ही उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक हुई थी जिसमें सतपाल महाराज भी शामिल हुए थे, लिहाजा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री समेत कई अन्य मंत्रियों एवं दूसरे लोगों की जांच अब की जा रही है। आने वाले दिनों में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट मंत्रियों का क्वारंटीन होना बेहद ही हैरत भरा होगा। सवाल तो अब प्रदेश में लॉकडाउन के समाप्त होने के बाद की व्यवस्थाओं को लेकर भी खड़े हो रहे हैं। एक तरफ तो उत्तराखंड में मंत्री तक कोरोना की चपेट में आ चुके हैं तो वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड में तीसरे लॉकडाउन के बाद से ही खुली छूट नजर आई है। लाखों की संख्या में उत्तराखंड के प्रवासी वापस अपने घरों को आए हैं जिनके कारण राज्य में कोरोना का आंकड़ा अब हजार को छूता नजर आने लगा है लेकिन सबसे चिंता अब ऐसे मामलों को लेकर है जो कि सामुदायिक संक्रमण से सामने आ रहे हैं। देहरादून में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जो कि बिना क्वारंटीन व्यवस्था के सामने आए हैं और सामुदायिक रूप से व्यापारिक लेन-देन या सामाजिक तौर पर लोगों से मिलजुल रहे थे। हालांकि सरकार ने आंकड़ों में उछाल के बावजूद भी डर जैसी किसी भी बात से बचने की सलाह दी है लेकिन सामुदायिक कारणों से फैलने वाले कोरोना के संक्रमण ने जरूर आम आदमी के मन में चिंता पैदा तो कर ही दी है। केंद्र सरकार ने लॉकडाउन 4़0 को समाप्त करते हुए नया अध्याय शुरू किया है जिसे अनलॉक 1़ 0 का नाम दिया है जिसके अलग-अलग चरणों में हर प्रकार की गतिविधियों को शुरू किया जा रहा है। एक तरफ बडी संख्या में कोरोना के मामलों का बढना और दूसरी तरफ सोशल डिस्टेंसिंग की हर व्यवस्था को समाप्त करना, गले भी नहीं उतर रहा है। साफ है कि अब कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार के भरोसे नहीं रहा जा सकता। बचना है तो अपनी व्यवस्था खुद करें, एवं खुद ही निश्चित करें कि कब और कैसे हमें अपनें घरों से बाहर निकलना है। उत्तराखंड में मैदान से लेकर पहाड़ तक अब कोरोना की चपेट में हैं। नैनीताल और देहरादून में तो कोरोना का बम फूट रहा है। साफ है कि उत्तराखंड कोरोना संकट से जूझ रहा है लेकिन बचाव एवं सोशल डिस्टेंसिंग को सरकार ने एक किनारे कर दिया है। जिस प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं मंत्री कोरोना के कारण क्वारंटीन हो गए हों वहां सरकार को अब अपने स्तर पर नई व्यवस्थाएं शुरू करनी चाहिए, एवं सोशल डिस्टेंसिंग की सख्त व्यवस्था शुरू करनी चाहिए। अनलॉक 1़ 0 की व्यवस्थाएं शायद उत्तराखंड के लिहाज से अभी सही नहीं मानी जा सकती, यहां कहीं न कहंी उत्तराख्ांड सरकार को अपनी नई गाईडलार्इंस तैयार करनी चाहिए ताकि कोरोना की इस चेन को रोका जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!