सिमली गांव में भी लगेगा पिंजरा, टैं्रक्यूलाइजर टीम होगी तैनात
डीएम ने डीएफओ को दिये पिंजरा लगाने व गश्त बढ़ाने के निर्देश
डीएम बोले क्षेत्रवासियों की सुरक्षा प्राथमिकता
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल डॉ. आशीष चौहान ने सोमवार की रात तहसील रिखणीखाल के ग्राम डल्ला व तहसील धुमाकोट के ग्राम सिमली का दौरा किया। इस दौरान डीएम ने डीएफओ को बाघ पकड़ने के लिए ग्राम सिमली र्में ंपजरा लगाने के साथ ही फारेस्ट कर्मियों की गश्त बढ़ाने के निर्देश दिये। साथ ही गांव में एक ट्रैंक्यूलाइजर टीम भी अलग से तैनात करने को कहा। वहीं दोनों घटना स्थलों पर वन विभाग, पुलिस कर्मचारी सहित अन्य विभागों के अधिकारी गांव में डटे हैं। जिलाधिकारी ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांव के आसपास कितने बाघ हैं, इसकी ठोस मॉनिटरिंग करते हुए सटीक जानकारी उपलब्ध कराएं। उन्होंने स्पष्ट किया जब तक बाघ को पकड़ा नहीं जाता है तब तक गांवों में फॉरेस्ट विभाग के माध्यम से निरंतर गश्त कराई जाए और किसी भी प्रकार का इनपुट मिलने पर इसकी जानकारी तत्काल देना सुनिश्चित करें।
बाघ को पकड़ने के लिए डल्ला गांव में 2 ट्रेंक्यूलाइजर टीमों की तैनाती की जा चुकी है, जबकि सिमली के ग्रामीणों की सुरक्षा के दृष्टिगत जिलाधिकारी ने डीएफओ लैंसडौन की अगुवाई में पृथक से एक ट्रेंक्यूलाइजर टीम तैयार करने के निर्देश दिए है। जिलाधिकारी ने कहा कि क्षेत्रवासियों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता में है इसलिए बाघों को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। जिलाधिकारी ने सिमली में बाघ को पकड़ने के लिए तत्काल पिंजरा लगाने के निर्देश दिए हैं। सिमली के ग्रामीणों ने कहा कि बाघ वयस्क है और काफी तंदरुस्त भी है। जबकि इसके उलट डल्ला गांव में लगाए गए ट्रैक कैमरों में बाघ के दो शावक दिखाई दे रहे है जो कि शिकार करने में अनुभवहीन दिखाई दे रहे है। जिलाधिकारी ने ग्रामीणों से धारा 144 का अनुपालन करने की अपील की। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रामीणों के पशुओं के लिए चारापत्ती, उनके स्वास्थ्य की देखभाल व खाद्यान्न इत्यादि की आपूर्ति करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने ग्रामीणों को कहा कि डल्ला गांव की तरह ही सिमली गांव में भी ट्रांक्यूलाइजर टीम तैनात की जाएगी। कहा कि बाघ को पिंजरे में कैद करने के लिए पूरी तैयारी की गई है। जिलाधिकारी ने ग्रामीणों को कहा कि जब तक बाघ पिंजरे में कैद नहीं हो जाता तब तक गांव में सावधानी के साथ रहें। बाघ के हमले पर अलग-अलग दो स्थानों पर हुई 2 वृद्ध व्यक्तियों की मृत्यु होने पर वन विभाग, पुलिस व अन्य विभागों के अधिकारी बाघ को पिंजरे में कैद करने के लिए गांव में डटे हैं।