पीपीई मोड पर चल रहे अस्पतालों को बंद करने की मांग
उत्तराखंड विकास पार्टी की ओर से की गई मांग
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। उत्तराखंड विकास पार्टी ने प्रदेश में पीपीई मोड पर चल रहे अस्पतालों को बंद करने की मांग की है। कहा कि कोटद्वार में तीन करोड़ की लिथोट्रिप्सी मशीन पिछले कई दिनों से खराब पड़ी हुई है, लेकिन अब तक उसे ठीक करने की सुध नहीं ली गई।
शनिवार को उत्तराखंड विकास पार्टी के अध्यक्ष मुजीब नैथानी ने कहा कि भाजपा सरकार को पीपीपी मोड पर चलने वाले अस्पतालों की दुर्दशा को देखते हुए अस्पतालों को बंद करने कर देना चाहिए। अधिकतर पीपीपी मोड पर चलने वाले अस्पताल रेफर सेंटर बने हुए हैं। उन्होने कहा कि इन अस्पतालों के लिए जो विशेषज्ञ नियुक्त होने थे वह भी नहीं है। अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारी, डॉक्टरों का रवैया भी मरीजों के प्रति ठीक नहीं रहता। सरकारी अस्पतालों को निजी लोगों को दिया जाना ना तो सरकार के हित में है और ना ही आम जनता के हित में है। कहा कि सरकार को जनता के लिए सही स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होने आरोप लगाते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग कछुए से भी ज्यादा तेजी से चल रहा है, इसीलिए कोटद्वार में तीन करोड़ की लिथोट्रिप्सी मशीन ठीक नहीं की जा रही है, जिससे लोगों को उक्त मशीन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऑक्सीजन जनरेटर मशीन भी खराब पड़ी है जबकि उसे लगे हुए चंद ही महीने हुए हैं। ऐसे ही लाइसेंस मिलने ना मिलने की वजह से अन्य तकनीकी मशीनें भी कोटद्वार में बंद पड़ी हुई है, जिस वजह से आम जनता को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्होने कहा कि पौड़ी गढ़वाल के लोगों का एकमात्र सहारा कोटद्वार का अस्पताल है, जहां सामान्य सुविधा के उपकरण भी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं ।