कनाडा आतंकियों का पनाहगार; विदेश मंत्री बोले; हमें सबूत का इंतजार, अमरीका से हुई बात
नई दिल्ली, एजेंसी। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में तल्खी आ गई है। भारत-कनाडा विवाद पर विदेश मंत्री एस जयशंकर का अमरीका से बड़ा बयान आया है। एस जयशंकर ने कनाडा के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि हमने सबूत मांगे हैं, मगर अब तक हमें कोई सबूत नहीं मिला है। अगर हमें सबूत मिलते हैं, तो हम गौर करेंगे, फिलहाल हमें कनाडा की ओर से सबूतों का इंतजार है। इतना ही नहीं, उन्होंने यहां तक कहा कि कनाडा आतंकियों को शरण देता है। एस जयशंकर ने यह भी कहा कि कनाडा मसले पर अमरीकी विदेश मंत्री और एनएसए से बात हुई और भारत ने अपना पक्ष रख दिया है। अमरीकी एनएसए सुलिवन और विदेश मंत्री ब्लिंकन से कनाडा के मसले पर बात हुई है। उन्होंने अपने विचार और असेसमेंट रखा और हमने अपनी बात रखी।
विदेश मंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि कनाडा चरमपंथी और आतंकी तत्त्वों को पनाह देता है और भारत ने इस संबंध में अपनी चिंताओं से संयुक्त राज्य अमरीका को अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि कनाडा में हमारे राजनियक दूतावास और कॉन्सुलेट दफ्तर जाने में असुरक्षित महसूस करते हैं। हमें सार्वजनिक तौर पर धमकी मिली है, जिसकी वजह से वीजा ऑपरेशन निलंबित करना पड़ा है। कनाडा विवाद पर एस जयशंकर ने कहा कि कनाडा ने सियासी मजबूरी के कारण आतंकियों को शरण दी है। उन्होंने कहा कि कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जो आरोप लगाए वे निराधार हैं और हमारी नीति के अनुरूप नहीं हैं। विदेश मंत्री ने शुक्रवार को वाशिंगटन डीसी में एक थिंक टैंक में चर्चा के दौरान एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खालिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा में जारी कूटनीतिक तनातनी के बीच अमरद्धका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से यहां मुलाकात की। इस दौरान, दोनों नेता भारत और अमेरिका के बीच रक्षा, अंतरिक्ष और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग जारी रखने पर सहमत हुए। जयशंकर पांच दिन की वाशिंगटन यात्रा पर हैं। हाल में भारत में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली उच्च स्तरीय बातचीत है। विदेश मंत्री ने शुक्रवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि अमरीका के विदेश मंत्री ब्लिंकन से विदेश मंत्रालय में मुलाकात करके अच्छा लगा। कई मुद्दों पर चर्चा हुई, प्रधानमंत्री की जून में हुई यात्रा पर बनी सहमतियों पर चर्चा की, वैश्विक विकास पर भी विचार-विमर्श हुआ। जल्द ही होने वाली ‘टू प्लस टू’ बैठक के संबंध में रूपरेखा तैयार की।