सावधान : गर्मी में खूंखार हो रहे बंदर व कुत्ते

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बेस अस्पताल में सैकड़ों लोग पहुंच रहे रेबीज का टीका लगवाने
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : लगातार चढ़ता पारा आमजन के साथ ही जानवरों पर भी भारी पड़ रहा है। गर्मी के कारण शहर की गलियों में घूमने वाले कुत्ते व बंदर खूंखार होने लगे हैं। राजकीय बेस चिकित्सालय में प्रतिदिन दस से बीस व्यक्ति रेबीज का टीका लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं। खूंखार होते कुत्ते व बंदरों के कारण आमजन का घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल होता जा रहा है। जबकि, शहरवासी कई बार बंदरों के आतंक से निजात दिलवाने की मांग उठा चुके हैं। कुछ सप्ताह पूर्व दुर्गापुरी क्षेत्र के वासियों ने तहसील में प्रदर्शन भी किया था।
कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में शायद ही कोई ऐसा वार्ड हो जहां उत्पाती बंदर व कुत्तों का झुंड न दिखाई दें। सुबह से ही बंदर घरों में उत्पात मचाना शुरू कर देते हैं। बंदरों के कारण वार्ड वासियों का अपने घरों की छत पर कपड़े व अनाज सुखाना भी मुश्किल हो गया है। यही नहीं, बंदरों के डर से बच्चों ने घर के बाहर खेलना भी छोड़ दिया है। अभिभावकों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने व लेने के लिए साथ में जाना पड़ रहा है। बंदरों ने घरों के बाहर खेतों में लगाई गई साग-सब्जियों को भी बर्बाद कर दिया है। दरवाजे खुले होने पर बंदरों का झुंड घर के अंदर पहुंच जाता है। मोहल्लों में घूम रहा कुत्तों का झुंड भी आमजन के लिए मुसीबत बन रहा है। कई बार कुत्ते दोपहिया वाहन चालकों के पीछे दौड़ने लगते हैं। दरअसल, गर्मी बढ़ने से जानवरों में भी डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है। पानी की कमी से वह आक्रामक हो जाते हैं। पूर्व में शहरवासियों के प्रदर्शन के बाद भी सरकारी सिस्टम ने इस समस्या को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई।

लगातार बढ़ रहे हमले
क्षेत्र में उत्पाती बंदरों व कुत्तों के हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। राजकीय बेस चिकित्सालय कोटद्वार में प्रतिदिन पांच से दस व्यक्ति कुत्तों व बंदरों के हमले में घायल पहुंच रहे हैं। यही नहीं, घायल जन निजी अस्पतालों में भी उपचार करवा रहे हैं। दो दिन पूर्व मानपुर क्षेत्र में ट्यूशन जा रही छात्रा पर बंदर ने हमला कर दिया था। छात्रा को उपचार के लिए निजी क्लीनिक में लाया गया। झंडीचौड़ में छत पर कपड़े सुखाने गई एक महिला पर बंदरों ने हमला कर दिया था। वहीं, देवी रोड़ में सुबह की सैर पर निकले एक व्यक्ति को कुत्ते ने काट दिया था। क्षेत्रवासियों ने वन विभाग से बंदरों को पकड़कर जंगल में छुड़वाने के साथ ही कुत्तों की बढ़ती संख्या पर लगाम लगवाने की मांग उठाई।

24 घंटे में लगवाएं टीका
चिकित्सकों के अनुसार कुत्ता व बंदर अगर हमला कर दें तो घबराएं नहीं। कुत्ते काटने के बाद घाव को साबुन से अच्छी तरह साफ करें। घाव पर कपड़ा या पट्टी न बांधे। ऐसे में 24 घंटे के भीतर चिकित्सालय में पहुंचकर एंटी रैबीज का इंजेक्शन अवश्य लगाए। राह में चलते समय कुत्तों व बंदरों से किसी भी तरह की छेड़छाड़ न करें।

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