अल्मोड़ा। एसएसजे परिसर के विधि संकाय में संविदा पर कार्यरत एक सहायक प्राध्यापिका से अभद्रता और अमर्यादित व्यवहार के मामले में पुलिस ने तीन व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोप है कि संबंधित लोगों ने न केवल शिक्षिका के साथ सार्वजनिक रूप से दुर्व्यवहार किया, बल्कि उनके चरित्र पर सवाल उठाते हुए जातिगत टिप्पणी और साइबर अपराध के माध्यम से महिला गरिमा को भी ठेस पहुंचाई। विधि संकाय में संविदा सहायक प्राध्यापिका वंदना टम्टा द्वारा कोतवाली पुलिस को दी गई तहरीर में कहा गया है कि पांचवें सेमेस्टर का छात्र अशोक सिंह कई मौकों पर उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करता रहा है। 26 अप्रैल 2025 को अशोक ने विश्वविद्यालय को एक पत्र भेजकर उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए और नौकरी से हटाने की मांग की। वंदना टम्टा का आरोप है कि एसएसजे परिसर में कार्यरत गोपाल मोहन भट्ट ने उनके खिलाफ विभाग में सेक्स रैकेट चलने की बात कही और इसमें उन्हें तथा अन्य दो व्यक्तियों को शामिल बताया। इसके अलावा परिसर में कार्यरत प्रियंका सिंह द्वारा उनके प्रति जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया गया। पुलिस ने मामले में प्रियंका सिंह, गोपाल मोहन भट्ट और अशोक सिंह के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67ए, भारतीय न्याय संहिता की धारा 79 बीएनएस और अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 31(1)ध के तहत मामला दर्ज किया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा ने बताया कि मामला गंभीर प्रकृति का है और इसकी जांच जारी है। जांच पूरी होने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।