नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष समेत सात पर धोखाधड़ी का मुकदमा

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हल्द्वानी)। हल्द्वानी के देवला तल्ला, पजाया में करीब 13 वर्ष पुराने सरकारी जमीन की खरीद से जुड़े एक मामले में नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरम्वाल व पूर्व विधान सभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के पुत्र हरेन्द्र कुंजवाल समेत 7 लोगों के खिलाफ धारा 420 में मुकदमा दर्ज किया गया है। आईजी कुमाऊं के निर्देश पर काठगोदाम थाना पुलिस ने शनिवार रात मुकदमा दर्ज किया है। दीपा दरम्वाल सहित अन्य पर आरोप है कि उन्होंने जमीन से संबंधित विवाद की जानकारी होने के बाद भी भूमि की खरीदारी की और राजकीय कोष को नुकसान पहुंचाया। इस मामले में बसंतपुर, किशनपुर गौलापार निवासी रविशंकर जोशी ने अगस्त 2025 में आईजी कुमाऊं को शिकायती पत्र दिया था।
पत्र में कहा कि 2011-12 में मल्ला गोरखपुर निवासी बलवंत सिंह ने लगभग 3.107 हेक्टेयर सरकारी भूमि जो कि कब्जे की थी, उसे वर्ग-1 में विनियमित करने के लिए झूठे शपथ पत्र राजस्व विभाग के समक्ष दाखिल किए। आरोप था कि जब नजराने की धनराशि जमा करने के लिए आदेश हुए तो बलवंत ने 1989 में ही राशि जमा करने की बात कही। यह भी कहा कि उसके पास धनराशि जमा करने के साक्ष्य नहीं हैं। आगे की कार्रवाई में आवेदक से सीलिंग आख्या मांगी। जिसमें मानक हैं कि उसके पास पहले से पांच हेक्टेयर से अधिक जमीन नहीं होनी चाहिए। आरोप है कि राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से गलत आख्या प्रस्तुत कर दी गई और जमीन का विनियमितिकरण कर लिया गया। बलवंत सिंह सीधे इस जमीन को नहीं बेच सकते थे, इसीलिए उन्होंने जमीन को रविकांत फुलारा नाम के व्यक्ति को साजिशन दान कर दिया। रविकांत ने दो महीने में ही इस जमीन सात लोगों को बेच दिया। जिसमें खरीदार भोलानाथ गार्डन निवासी चेतन रावत, घासमंडी निवासी अनिता गुप्ता, रामपुर रोड निवासी मीनाक्षी अग्रवाल, तल्ली बमोरी निवासी हरेंद्र सिंह कुंजवाल, देवलचौड़, बंदोबस्ती निवासी वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरम्वाल, मल्ला गोरखपुर निवासी अरविंद कुमार, नवाबी रोड निवासी अजय कुमार गुप्ता शामिल रहे। एसओ काठगोदाम विमल मिश्रा ने बताया कि इस मामले में जमीन खरीदने वाले सभी आरोपियों को जमीन से संबंधित विवाद की जानकारी थी। इसके बाद भी जमीन खरीदकर राजकीय कोष को नुकसान पहुंचाया गया। ऐसे में सभी के खिलाफ धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। दाननामे में 19 लाख की धनराशि भी सवालों के घेरे में जमीन के विनियमितिकरण के दौरान दाननामे में 19 लाख रुपये का स्टांप शुल्क रविकांत फुलारा के द्वारा जमा करना दिखाया गया। जबकि रविकांत की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर बताई जाती है। सात लोगों को जमीन बेचने के बाद इस सौदे से करीब ₹3 करोड़ 25 लाख 66 हजार रुपये की राशि प्राप्त हुई। आरोप है कि इस राशि का हिसाब किसी के पास नहीं है। दानदाता के पुत्र ने ही खरीदी जमीन इस मामले में जमीन दान देने वाले बलवंत सिंह के बेटे अरविंद मेहरा भी जमीन के खरीदारों में शामिल रहे। उन्होंने भी रविकांत फुलारा से जमीन खरीदी। दीपा दरम्वाल का बयान:: देवला तल्ला, पजाया में हमने रजिस्ट्री की जमीन खरीदी है। जमीन से जुड़ा मामला न्यायालय में विचाराधीन है। मामले में न्यायालय के स्तर से जो भी निर्णय आएगा उसका पूरा सम्मान किया जाएगा। दर्ज मुकदमे की अब तक जानकारी नहीं है। – दीपा दरम्वाल, अध्यक्ष जिला पंचायत नैनीताल। कुंजवाल का बयान: बेटे हरेन्द्र कुंजवाल ने देवला तल्ला, पजाया में रजिस्ट्री की जमीन खरीदी है। जिसकी दाखिल खारिज भी उनके नाम की गई है।
मामला न्यायालय में विचाराधीन है। जिसके चलते जमीन की बिक्री व निर्माण पर प्रशासन ने रोक लगा रखी है। मामले में जमीन बेचने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। इस पर न्यायालय के स्तर से जो भी फैसला आएगा उसका सम्मान किया जाएगा। – गोविंद सिंह कुंजवाल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, उत्तराखंड।

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