सावधानी ही बचाव : ठंड में बढ़ रहे हार्ट व ब्रेन के मरीज

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लगातार बढ़ रही ठंड से बेस अस्पताल व निजी अस्पतालों में बढे़ मरीज
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : लगातार बढ़ रही ठंड के साथ ही हार्ट व ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है। बेस अस्पताल के साथ ही निजी अस्पतालों में हर रोज सैकड़ों मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। चिकित्सक मरीज व तीमारदारों को ठंड में सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। जहां तक संभव हो, सुबह के समय कोहरे व शीतलहर के बीच बाहर निकलते से बचें। अस्थमा के मरीजों के लिए यह मौसम जानलेवा साबित हो सकता है।
कोटद्वार क्षेत्र में पिछले दो-तीन दिनों से कोहरे व शीतलहर का प्रकोप छाया हुआ है। ऐसे में लगातार बढ़ रही ठंड दिल व दिमाग पर भारी पड़ रही है। पिछले कुछ दिनों से राजकीय बेस चिकत्सालय कोटद्वार के साथ ही निजी अस्पतालों में हृदय रोग के साथ ही अस्थमा पीड़ितों की संख्या बढ़ने लगी है। साथ ही ब्रेन स्ट्रोक के मामले भी बढ़ रहे हैं। ऐसे में चिकित्सक ठंड के मौसम में सावधानियां बरतने की सलाह दे रहे हैं। यह मौसम सबसे अधिक घातक दिल व दिमाग के मरीजों के लिए है।

सिकुड़ जाती हैं धमनियां
ठंड बढ़ने के कारण रक्त गाढ़ा हो जाता है, जिसका सीधा असर धमनियों में रक्त प्रवाह पर पड़ता है। ऐसे में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। जिससे ब्रेन स्ट्रोक का खतरा पैदा हो जाता है। ठंड के इस मौसम में सुबह की गश्त सेहत पर भारी पड़ सकती है। तीस वर्ष की आयु से अधिक के सभी लोगों को ठंड से बचना चाहिए।

इन बातों का रखे ध्यान
1. घर से बाहर निकलते हुए पर्याप्त कपड़े पहन कर ही निकलें।
2. संतुलित, पोषक और ताजा भोजन खाएं। नमक का सेवन कम करें।
3. अस्थमा के मरीजों के लिए कोहरा घातक साबित होता है। अस्थमा के मरीजों को कोहरा में घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
4. हृदय रोगी नियमित दवा लेते रहें
5. रक्तचाप के रोगियों को भी लगातार दवा लेती रहती चाहिए।
6. ठंडी चीजों का सेवन करने से बचें।

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