नई दिल्ली , केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इंटरपोल चैनलों के माध्यम से वांछित भगोड़े मुनव्वर खान की कुवैत से वापसी कराने में सफलता हासिल की है। मुनव्वर खान पर बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप है।
मुनव्वर खान के खिलाफ सीबीआई, एसटीबी चेन्नई शाखा में दर्ज एफआईआर संख्या क्रष्ट 3(स्)/2011 के तहत आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप थे। बैंक ऑफ बड़ौदा से धोखाधड़ी करने के बाद वह देश छोड़कर कुवैत भाग गया था, जिसके बाद उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया।
इस मामले में सीबीआई ने 7 फरवरी 2022 को इंटरपोल के ज़रिए रेड नोटिस जारी करवाया था। इसी नोटिस के आधार पर कुवैत की पुलिस ने मुनव्वर खान को गिरफ्तार किया।
विदेश मंत्रालय, सीबीआई की इंटरनेशनल पुलिस कोऑपरेशन यूनिट (ढ्ढक्कष्ट) और एनसीबी-कुवैत के समन्वय से 11 सितंबर 2025 को उसे भारत लाया गया। कुवैत पुलिस की एक टीम आरोपी को हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक लेकर आई। यहां सीबीआई, एसटीबी, चेन्नई की टीम ने उसे अपनी हिरासत में लिया।
सीबीआई ने बताया कि इंटरपोल द्वारा जारी रेड नोटिस दुनिया भर की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भेजे जाते हैं, जिससे वांछित अपराधियों पर नज़र रखी जा सके। भारत में इंटरपोल के लिए नेशनल सेंट्रल ब्यूरो (हृष्टक्च-ढ्ढठ्ठस्रद्बड्ड) के रूप में सीबीआई कार्य करती है और विभिन्न एजेंसियों के बीच सहयोग सुनिश्चित करती है।
सीबीआई के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में इंटरपोल चैनलों के ज़रिए समन्वय करके 130 से अधिक वांछित अपराधियों को भारत वापस लाया गया है। मुनव्वर खान की वापसी इस दिशा में एक और बड़ी सफलता मानी जा रही है।