सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जम्मू-कश्मीर के 6 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया

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श्रीनगर,सीबीआई ने पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक पुलिसकर्मी को कथित तौर पर हिरासत में प्रताड़ित करने के मामले में छह पुलिसकर्मियों समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया. ये गिरफ्तारियां सुप्रीम कोर्ट के 21 जुलाई के निर्देश के बाद की गई है जिसमें जम्मू-कश्मीर में एक पुलिस कांस्टेबल के साथ क्रूर और अमानवीय यातना को गंभीरता से लिया गया था.
अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार पुलिसकर्मियों में एक पुलिस उपाधीक्षक, एक निरीक्षक और एक सहायक उप-निरीक्षक शामिल हैं. आरोपी पुलिसकर्मियों को अपने हथियार और अन्य सरकारी सामान संबंधित जिला पुलिस लाइन में जमा करने का निर्देश दिया गया है.
आरोपी पुलिसकर्मियों में से एक – जो मानदेय पर काम करने वाला एक विशेष पुलिस अधिकारी है – को विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) की सूची से हटा दिया गया है. अधिकारियों ने बताया कि आगे की जानकारी का इंतजार है. 21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जम्मू-कश्मीर में एक पुलिस कांस्टेबल को हिरासत में क्रूर और अमानवीय यातना दिए जाने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को उसे 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया.
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि अवैध हिरासत के दौरान कांस्टेबल को आई चोटें. विशेष रूप से उसके जननांगों को पूरी तरह से विकृत करना, उसके जननांगों पर काली मिर्च पाउडर डालना और बिजली के झटके देना, उसे दी गई अमानवीय गंभीर यातना की याद दिलाते हैं.
पीठ ने कहा, इन सभी तथ्यों का संयुक्त प्रभाव इस न्यायालय की अंतरात्मा को बहुत अधिक झकझोर देने वाला है. पीठ ने आगे कहा कि अनुच्छेद 21 का उल्लंघन न केवल स्पष्ट है, बल्कि गंभीर भी है. पीठ ने कहा कि कांस्टेबल को साथी सरकारी अधिकारियों की हिरासत में जानलेवा चोटें आई और बार-बार शिकायत के बावजूद कोई प्रभावी निवारण नहीं किया गया.
सीबीआई ने 29 जुलाई को आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. उन पर आपराधिक साजिश, हत्या के प्रयास, गलत तरीके से बंधक बनाने और खतरनाक हथियारों से जानबूझकर चोट पहुँचाने के आरोप लगाए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को आरोपी अधिकारियों को गिरफ्तार करने के लिए एक महीने और जांच पूरी करने के लिए तीन महीने का समय दिया था.
अदालत का यह आदेश पीड़ित की पत्नी की शिकायत पर आया था, जिन्होंने आरोप लगाया था कि उनके पति को मादक पदार्थों के एक मामले में तलब किए जाने के बाद छह दिनों तक अवैध रूप से हिरासत में रखा गया और प्रताड़ित किया गया. उन्होंने दावा किया कि आरोपी अधिकारियों ने लोहे की छड़ों और लकड़ी के डंडों का इस्तेमाल किया, बिजली के झटके दिए, उनके गुप्तांगों को विकृत किया, यहां तक कि उनके मलाशय में लाल मिर्च भी डाल दी.

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