लखनऊ , उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित सीबीआई कोर्ट ने रिश्वतखोरी के एक मामले में बैंक ऑफ बड़ौदा के ब्रांच मैनेजर को दोषी ठहराते हुए सजा का ऐलान किया है। कोर्ट ने गुरुवार को दोषी ब्रांच मैनेजर को 50 हजार रुपए के जुर्माने के साथ 5 साल की कैद की सजा सुनाई। दोषी राम स्वरूप मिश्रा अंबेडकर नगर के बसखारी शाखा में बैंक ऑफ बड़ौदा में ब्रांच मैनेजर थे। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 7 मार्च 2017 को शिकायत के आधार पर यह मामला दर्ज किया था।
आरोप लगाया गया कि शिकायतकर्ता को बैंक ऑफ बड़ौदा की बसखारी शाखा से ‘कामधेनु योजनाÓ के तहत 20.25 लाख रुपए का लोन स्वीकृत किया गया था। लोन की एक आंशिक राशि शिकायतकर्ता के खाते में जमा कर दी गई थी। हालांकि, बाद में खाते पर रोक लगा दी गई थी। इसके बाद जब शिकायतकर्ता ने खाते पर रोक का कारण जानने के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा की ब्रांच में मैनेजर राम स्वरूप मिश्रा से संपर्क किया, तो ब्रांच मैनेजर ने 30 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की। बातचीत के बाद, ब्रांच मैनेजर ने हस्ताक्षरित खाली चेक के माध्यम से शिकायतकर्ता से 25 हजार रुपए की रिश्वत लेने पर सहमति व्यक्त की।
इस बारे में सीबीआई को जानकारी दी गई थी। एजेंसी ने अपनी कार्रवाई करते हुए ब्रांच मैनेजर को चेक लेते समय रंगे हाथों पकड़ लिया और उससे चेक बरामद किया। जांच के बाद 31 मार्च 2017 को सीबीआई की तरफ से चार्जशीट दाखिल की गई। सुनवाई के बाद गुरुवार को सीबीआई कोर्ट ने गुरुवार को अभियुक्त को दोषी ठहराया और सजा सुनाई।