सीडीओ ने जल जीवन मिशन की कार्य प्रगति पर जताया असंतोष
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। प्रभारी जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई ने जल जीवन मिशन के तहत किये जा रहे कार्य प्रगति पर असंतोष जाहिर करते हुये कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कार्यों में तेजी लाना सुनिश्चित करें। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को समस्त राजस्वों ग्रामों की ग्राम कार्य योजना, ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समितियों का गठन इसी माह तक अनिवार्य रूप से पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी कार्यों का शत प्रतिशत डीपीआर 30 अक्टूबर 2020 तक पूर्ण कर इन्हें टीएसी के सम्मुख प्रस्तुत कर लें। टीएसी से स्वीकृत कराने के बाद जिला जल एवं स्वच्छता मिशन से स्वीकृति के लिये प्रस्तुत किया जाय।
प्रभारी जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई ने बुधवार को विकास भवन, पौड़ी में संबंधित अधिकारियों के साथ जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक की। उन्होंने सभी कार्यदाई संस्थाओं को निर्देशित करते हुए कहा कि वास्तविक परिवारों की स्थिति एवं जनसंख्या के आधार पर ही आगणन गठित किये जायं। साथ ही आगणन प्रत्येक राजस्व ग्राम के अलग-अलग गठित किये जाय। उन्होंने कहा कि आगणन बनाते वक्त वास्तविक स्थिति का पूर्ण आंकलन के आधार पर ही आगणनों को गठित किया जाए। इस कार्य को प्रतिदिन अनुश्रवण किया जाए। साथ ही युद्ध स्तर पर कार्य को पूर्ण किया जाए। क्रियाशील व्यक्तिगत संयोजन (एफएचटीसी) के तहत लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 4.18 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की गई। उन्होंने कहा कि सभी विभाग अपने लक्ष्यों को प्रतिदिन निर्धारित करें और इसकी प्रतिदिन कनिष्ठ अभियंता वार समीक्षा करें। युद्धस्तर पर कार्य करते हुए निर्धारित लक्ष्यों को इसी वित्तीय वर्ष में पूर्ण करना सुनिश्चित करें।
बैठक में जल निगम श्रीनगर के अधिशासी अभियंता ने अवगत कराया कि कुछ राजस्व ग्रामों में जनसंख्या काफी कम होने के कारण वहां समितियों के गठन में कठिनाई हो रही है। जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देशित किया कि ऐसे गांवों में यूजर्स कमेठी का गठन कर कार्य करें। इस अवसर पर बैठक में स्वजल प्रबंधक दीपक रावत, अधिशासी अभियंता जल संस्थान पौड़ी सतेंद्र गुप्ता, जल निगम पौड़ी गौतम कुमार, जल निगम श्रीनगर आरसी मिश्रा, विजय गैरोला आदि उपस्थित थे।
कार्य प्रगति न होने पर होगी विभागीय कार्यवाही
प्रभारी जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई ने कहा कि जिन कार्यों की डीपीआर को डीडब्लूएसएम से स्वीकृत किया गया है उनकी निविदायें तत्काल जारी कर कार्य प्रारम्भ करें, ताकि क्रियाशील संयोजन में अपेक्षित प्रगति लाई जा सके। उन्होंने कहा कि अन्य विभागों जैसे मनरेगा, लघु सिंचाई, आरडब्लूडी, सिंचाई विभाग के जिन कनिष्ठ अभियंताओं को कार्य आंवटित किये गये हैं उनकी दो दिन के अंदर बैठक कर उनसे युद्व स्तर पर कार्य लेना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि कनिष्ठ अभियन्ता कार्य में रूचि लेते हुए कार्य करें। एक सप्ताह में अपेक्षित प्रगति नहीं होने पर इसको गंभीरता से लेते हुये विभागीय कार्यवाही की जा सकती है।