सैनिकों का शौर्य और त्याग अद्वितीय व भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणा दायक
जयन्त प्रतिनिधि।
देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को गढ़ीकैंट स्थित दून सैनिक इंस्टीट्यूट में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर ‘एक संवाद: वीर सैनिकों के साथ‘ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सेवानिवृत्त सैनिकों की ट्रेनिंग के लिए एक सेंटर बनाया जायेगा। सैनिक कल्याण विभाग द्वारा इसके लिए कार्यवाही की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में हमारे सैनिकों ने शौर्य, त्याग और अटूट समर्पण की जो अद्वितीय मिसाल पेश की वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी। 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर कायरतापूर्ण हमला कर देश और दुनिया को झकझोर कर रख दिया था। इसके जवाब में ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से हमारी सेनाओं ने यह स्पष्ट किया कि भारत की बेटियों के सिंदूर की ओर आँख उठाने वालों का क्या परिणाम होता है। 7 मई को हमारी सेनाओं ने 9 बड़े आतंकी अड्डों को तबाह किया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध है। शहीदों के आश्रितों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 50 लाख रुपए किया गया है। सेना में परमवीर चक्र से लेकर मेन्सन इन डिस्पैच तक सभी वीरता पुरस्कारों से अंलकृत सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त तथा वार्षिकी राशि में भी वृद्धि की गई है। बलिदानियों के परिवार के एक सदस्य को राज्य की सरकारी नौकरी में समायोजित करने का भी निर्णय लिया गया है और इसके लिए आवेदन करने की अवधि को 2 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष किया गया है। राज्य में वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों और पूर्व सैनिकों को सरकारी बसों में यात्रा की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है। सेवारत व पूर्व सैनिकों के लिए 25 लाख रुपए मूल्य की स्थायी सम्पत्ति की खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में 25 प्रतिशत की छूट भी प्रदान की जा रही है। प्रदेश के शहीदों की स्मृति में देहरादून के गुनियाल गांव में एक भव्य सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है। इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, सचिव सैनिक कल्याण दीपेन्द्र चौधरी, स्टेशन कमांडर आर.एस.थापा, निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर (से.नि.) अमृत लाल, उपनल के एमडी ब्रिगेडियर (से.नि.) जे.एन.एस. बिष्ट सहित रक्षा सेनाओं के सेवानिवृत्त अधिकारी ले. जनरल ए.के. सिंह, रियर एडमिरल ओ.पी.एस.राणा, एयर मार्शल डी.एस. रावत, ले.जनरल टी.पी.एस. रावत, रियर एडमिरल अनुराग थपलियाल, मेजर जनरल ओ.पी. सोनी, मेजर जनरल डी. अग्निहोत्री, मेजर जनरल पी.एस. राणा, मेजर जनरल नीरज वर्मा, मेजर जनरल आनंद सिंह रावत, मेजर जनरल एम.एस. असवाल, मेजर जनरल के.डी. सिंह, ब्रिगेडियर के.जी. बहल और पूर्व सैनिक संगठनों के पदाधिकारीगण भी उपस्थित रहे।