जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ तीन दिवसीय चाईग्रामोत्सव का शुभारंभ हो गया है। समारोह की शुरुआत कलश यात्रा व द्वार पूजन से हुई। इस दौरान ढोल-दमौ की थाप पर ग्रामवासियों ने गांव के प्रत्येक घर-आंगन में पारंपरिक नृत्य से समा बांध दिया।
विकासखंड जयहरीखाल के ग्राम चाई में आयोजित त्रिदिवसीय सोलहवें ‘चाई ग्रामोत्सव’ का मुख्य अतिथि सिंचाई सलाहकार समिति (उत्तराखंड) के उपाध्यक्ष ऋषि कंडवाल ने दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ग्राम चाई ने ग्रामोत्सव के माध्यम से पहाड़ की समृद्ध ग्राम्य संस्कृति को बचाने की जो मुहिम छेड़ी है, वह सभी के लिए अनुकरणीय है। इसी का परिणाम है कि अब अन्य पर्वतीय गांवों में भी ग्रामोत्सव कार्यक्रम आयोजित होने लगे हैं। श्री कंडवाल ने कहा कि चाई की पहल नई पीढ़ी को संदेश देती है कि गांव हमारी संस्कृति के केंद्र हैं और इनका संरक्षण आवश्यक है। कहा कि आज पलायन पहाड़ की सबसे बड़ी समस्या है। इस तरह के आयोजन लोगों को वापस अपनी जड़ों की ओर खींच कर लाने में सफल हो रहे है। उन्होंने कहा कि प्रवासी समाज का अपने मूल गांव में लौटकर संस्कृति के संरक्षण का संकल्प लेना कई नई संभावनाएं जगाता है। उन्होंने कहा कि चाई के निवासियों ने पूरे पर्वतीय समाज को सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी है। उन्होंने ‘चाई ग्रामोत्सव’ को पहाड़ के स्वरूप को बचाने का आंदोलन बताया। इस अवसर पर सचिदानन्द बुडाकोटी, डा. पदमेश बुडाकोटी, अशोक बुडाकोटी, संगीत बुडाकोटी आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। समारोह की अध्यक्षता महेश चंद्र बुडाकोटी ने एवं संचालन ललन कुमार बुडाकोटी ने किया। इस अवसर पर आयोजन समिति की ओर से मुख्य अतिथि ऋषि कंडवाल को स्मृति चिन्ह व अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। इससे पूर्व मंगलवार प्रात: चाई में ग्रामवासियों की ओर से भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। देव पूजन के साथ ही गांव के प्रत्येक घर-आंगन में जाकर द्वार पूजन किया गया। इस दौरान गांव में चारों ओर रौनक देखने को मिली। बंद किवाड़ भी आज खुले थे। ग्रामवासियों ने पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल-दमौ व मशकबीन के साथ प्रत्येक घर- आंगन में जमकर नृत्य किया। उत्साह व रोमांच से भरपूर इस उत्सव में बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी भी शरीक हुए। दूसरी ओर चाई ग्रामोत्सव में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में प्रवासी देश-विदेश से गांव पहुंचे हैं। इस दौरान कई प्रवासी अपने पैतृक घरों को देखकर भावुक भी हुए। धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ चाई में भावनाओं का यह ज्वार अगले दो दिन तक जारी रहेगा। ग्रामोत्सव के पहले दिन ग्राम चाई में लोक कला की विविध छटाएं पूरे दिन बिखरी रहीं। सांय को आयोजित सांस्कृतिक संध्या में ग्राम समाज व धर्मेंद्र रावत ग्रुप के कलाकारों ने आकर्षक और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर दर्शकों को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। लोक गायक अजय कुमार दिनकर, रेणु डोभाल के साथ ही बच्चों तथा महिलाओं की भावपूर्ण प्रस्तुतियां खासी सराही गई।