मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष ने किया बाल संप्रेक्षण गृह का निरीक्षण

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12 सितंबर को आत्महत्या करने के मामले का मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : पौड़ी बाल संप्रेक्षण गृह में पॉक्सो ऐक्ट में निरुद्ध कोटद्वार निवासी नाबालिग के बीती 12 सितंबर को आत्महत्या करने के मामले का मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग के अध्यक्ष ने मंगलवार को बाल संप्रेक्षण गृह का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद आयोग अध्यक्ष अपनी रिपोर्ट शासन को देंगे। अफसरों की बैठक लेते हुए अफसरों को निर्देश दिए कि बाल संप्रेक्षण गृह में जो भी अतिरिक्त सुविधाएं या व्यवस्थाएं की जा सकती हैं, उसे प्राथमिकता से करने को कहा। आगे ऐसी घटनाएं दोबारा न हो इसके लिए उन्होंने अफसरों को बाल संप्रेक्षण गृह में आने वाले नाबालिगों पर केंद्रित क्रियाकलापों को शामिल करने, उनकी मनोदशा को सकारात्मक बनाए रखने के लिए जीवन को प्रभावित करने वाली डाक्यूमेंटरीज आदि पहलुओं पर अमल करने को कहा।
बाल संप्रेक्षण गृह का निरीक्षण के बाद आयोग के अध्यक्ष न्यामूर्ति विजय कुमार बिष्ट ने पौड़ी में संबंधित अफसरों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि भ्रमण का मकसद बाल सुधार गृह में इस प्रकार की घटना दोबारा न हो इसके लिए उचित एवं प्रभावी कार्रवाई करवाना है। आयोग अपने स्तर से भी प्रकरण को लेकर रिपोर्ट शासन को देगा। इससे पहले बाल संप्रेक्षण गृह के निरीक्षण के दौरान आयोग अध्यक्ष ने प्रवेश और निकासी संबंधी पंजिकाओं के साथ सीसीटीवी फुटेज, शयन कक्ष, ऑब्र्जवेशन कक्ष, मनोरंजन कक्ष, रसोईघर, स्टोर और शौचालय आदि का निरीक्षण किया। बैठक में अफसरों ने बाल संप्रेक्षण गृह को और अधिक व्यवस्थित और कंफर्ट बनाये जाने के लिए सुझाव भी अध्यक्ष के सम्मुख रखे। इस मौके पर सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी, डीएम डॉ. आशीष चौहान, एसएसपी लोकेश्वर सिंह, अपर सचिव एवं निदेशक बाल विकास प्रशान्त आर्य, एडीएम ईला गिरी, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दीपक रामचन्द्र सेट, अनुसचिव राजेन्द्र सिंह झिंक्वाण, मोहित चौधरी, डीपीओ देवेंद्र थपलियाल आदि अफसर मौजूद रहे।

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