चैतन्य कुकरेती ने शोधार्थी के रूप में नई मिसाल पेश की

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नई टिहरी : देवप्रयाग की भरपूर पट्टी के मसूण गांव निवासी 24 वर्षीय चैतन्य कुकरेती ने धर्म व विज्ञान के शोधार्थी के रूप में नई मिसाल पेश की है। ज्योतिष, वेद, कर्मकांड से जुड़े चैतन्य कुकरेती का चयन केंद्रीय विवि श्रीनगर में भौतिक विज्ञान के पीएचडी शोधार्थी के रूप में हुआ है। भौतिक विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. आरसी रमोला की ओर से उन्हें पदार्थ विज्ञान की आधुनिक समय में प्रासंगिकता विषय पर शोध स्वीकृति का पत्र मिला है। महर्षि पाणिनि संस्कृत व वेद विश्व विद्यालय, उज्जैन मध्य प्रदेश से वेद विषय में आचार्य चैतन्य की शुरुआती शिक्षा राइंका भरपूर में हुई। चैतन्य ने गढ़वाल विवि से बीएससी व बीएड करने के बाद ज्योतिष व वेद का अध्ययन किया व अपना ज्योतिष संस्थान शुरू किया। वेद व भौतिक विज्ञान के समायोजन पर वह अपना शोध पत्र देहरादून में भारतीय ज्ञान परंपरा विषय पर आयोजित अंतराष्ट्रीय सेमिनार में प्रस्तुत कर चुके हैं। उनके पिता राजेश कुकरेती, माता विनीता देवी सहित क्षेत्र वासियों ने चैतन्य का चयन भौतिक विज्ञान में पीएचडी के लिए होने पर खुशी जताई है। (एजेंसी)

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