सरकार में चमोली जिले की झोली रही खाली
चमोली। बुधवार को देहरादून के परेड ग्राउंड में प्रदेश की पांचवीं निर्वाचित सरकार का विधिवत गठन हो गया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी सहित आठ मंत्रियों ने शपथ ली। लेकिन चमोली जिले की झोली इस बार भी सरकार में खाली रही। यहां से दो विधायकों की जीत के बावजूद सरकार में प्रतिनिधित्व नहीं मिला। बीते फरवरी माह में हुए निर्वाचन में चमोली जिले की तीन विधानसभा सीटों में से कर्णप्रयाग और थराली में भाजपा को जीत मिली। जबकि बदरीनाथ सीट पर भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा। इससे पूर्व 2017 में भी कर्णप्रयाग और थराली सीटें भाजपा की झोली में थीं। यही नहीं दोनों विधानसभा सीटों पर अब तक हुए पांच चुनावों में चार बार भाजपा ने जीत दर्ज की। खास तौर पर कर्णप्रयाग से इस बार जीते विधायक अनिल नौटियाल 2002 और 2007 के बाद लगातार तीसरी बार विधायक बने। जिससे कार्यकर्ताओं को विश्वास था कि चीन सीमा से लगे चमोली जिले और ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण वाली कर्णप्रयाग विधानसभा को इस बार सरकार में प्रतिनिधित्व मिलेगा। लेकिन बुधवार को सरकार में चमोली जिले को प्रतिनिधित्व नहीं मिलने के चलते यहां मायूसी हाथ लगी। राजनीतिक जानकार भुवन नौटियाल का कहना है कि अविभाजित उप्र के समय में कर्णप्रयाग विधानसभा जीते विधायकों को सरकार के मंत्रीमंडल में लगातार जगह मिली। लेकिन अपने प्रदेश में अब तक प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया। जिसका असर सीमांत जिले के विकास पर पड़ रहा है।