उत्तराखंड

चम्पावत-लोहाघाट को मिलेगी पर्याप्त बिजली

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चम्पावत(आरएनएस) चम्पावत-लोहाघाट शहर को पर्याप्त बिजली मिल सकेगी। दरअसर देवीधुरा में बिजली लाइन को डबल सर्किट बनाने का काम पूरा हो गया है। पिथौरागढ़ ग्रिड से किसी वजह से बिजली गुल होने पर जैंती की इसी लाइन से आपूर्ति की जाएगी। इससे चम्पावत और लोहाघाट शहर की बड़ी आबादी को लाभ मिल सकेगा। पिथौरागढ़ ग्रिड से बिजली बाधित होने के बाद भी चम्पावत-लोहाघाट शहर में उजाला हो सकेगा। देवीधुरा में दो किमी लंबी बिजली लाइन को डबल सर्किट बनाने का काम पूरा हो गया है। इससे पिथौरागढ़ ग्रिड से आपूर्ति नहीं होने पर जैंती लाइन से बिजली की आपूर्ति की जाएगी। चम्पावत-जैंती 33 केवी बिजली लाइन का निर्माण वर्ष 2006-07 में किया गया था। घने जंगल के बीच से गुजरने की वजह से बिजली लाइन कई बार बाधित होती रही। वर्ष 2017 में लाइन को ठीक किया गया। तिमला से देवीधुरा के बीच दो किमी हिस्से में देवदार का घना जंगल है। बर्फवारी, बारिश और पेड़ टूटने से बिजली लाइन अक्सर टूटती रहती है। ऊर्जा निगम के अपर सहायक अभियंता बीबी गहतोड़ी ने बताया कि दो किमी हिस्से में बिजली लाइन को डबल सर्किट बनाने का काम पूरा कर लिया गया है। काम पूरा होने से चम्पावत और लोहाघाट शहरों में बिजली की कमी से निजात मिल सकेगी।
बिजली लाइन में लगाए गए हैं नौ फोर पोल
चम्पावत(आरएनएस) दो किमी लंबी बिजली लाइन को डबल सर्किट में तब्दील करने में 26 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। चम्पावत और लोहाघाट शहर को जगमग करने के लिए 40 एंपीयर बिजली पर्याप्त है। डबल सर्किट बनाने के लिए तिमला-देवीधुरा के बीच आठ डबल पोल के स्थान पर नौ फोर पोल लगाए गए हैं।
तिमला-देवीधुरा के बीच दो किमी बिजली लाइन को डबल सर्किट में बदले जाने का काम पूरा कर लिया गया है। इस काम में 26 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। पिथौरागढ़ से बिजली नहीं होने पर चम्पावत और लोहाघाट शहर में इसी लाइन से आपूर्ति की जाएगी। – उमाकांत चतुर्वेदी, ईई, ऊर्जा निगम चम्पावत

 

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