चैंपियन की वापसी के विरोध में यूकेडी ने फूंका भाजपा सरकार का पुतला
देहरादून। उत्तराखंड के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करने वाले विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन को भाजपा में शामिल किए जाने के विरोध में व अन्य मांगों को लेकर यूकेडी द्वारा भाजपा सरकार का पुतला फूंका गया। यूकेडी का कहना है कि उत्तराखंड में भाजपानीत सरकार का चाल चेहरा चरित्र और देवभूमि को बदनाम करने वाला असली चेहरा इससे बेनकाब हुआ है। तीन वर्ष से ज्यादा उत्तराखंड में भाजपानीत सरकार का कार्यकाल हो चुका है इन तीन वर्षों में सरकार को उच्च न्यायालय नैनीताल ने चलाया। उक्रांद का स्पष्ट कहना है कि भाजपा की हमेशा पहाड़ी विरोधी मानसिकता रही है। चाहे उसमें उनका बड़बोला विधायक ने किस तरह से उत्तराखंड को अपशब्द बोलकर अपमानित किया, लेकिन इससे ज्यादा अपमान भाजपा कर चुकी है कि उस विधायक को माफीनामा देकर अपनी तुच्छ मानसिकता बता चुकी है। भाजपा का बिगड़ैल विधायक ने माफी मांगी है लेकिन उसे भाजपा ने माफ किया उत्तराखंड की जनता ने नही किया। भाजपा जो चाल चेहरा चरित्र की बात करती है, राष्ट्रवाद का स्वांग रचती है लेकिन अब इनका नैतिक पतन हो चुका है। उत्तराखंड की जनता सबक सिखायेगी।जहाँ इस तरफ बेटी बचाने की बात आती है वही भाजपा के विधायक से लेकर नेतागण महिलाओं के साथ दुष्कर्म कर रही है। उक्रांद भाजपा के दोगले चरित्र को बेनकाब जनता के बीच करेगी। भाजपानीत त्रिवेंद्र की सरकार की जनविरोधी व पहाड़ विरोधी नीतियों को लेकर जनता को लामबद्ध करेगी। देवभूमि उत्तराखंड का अपमान उक्रांद बर्दाश्त नही करेगा। इन 20 वर्षो में भाजपा और कॉंग्रेस ने जिस तरह से राज्य को लूटा व राज्य के संसाधनों को बाहरी लोगों के हाथों बेच दिया। उत्तराखंड में जमीनों की खुली लूट के लिये बाहरी लोगों को आमंत्रण दिया गया व स्वम् उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण में जमीनों की लूट के लिये खुली छूट व आमंत्रण दे दिया है, जो उत्तराखंड की अस्मिता और पहाड़ों में बाहरी व्यक्तियों की ऐशगाह को दल कतई बर्दाश्त नही करेगा। पुतला दहन कार्यक्रम महानगर संयोजक सुनील ध्यानी के नेतृत्व में किया गया। कार्यक्रम में लताफत हुसैन, बहादुर सिंह रावत,प्रताप कुँवर,शांति भट्ट,उत्तम रावत,राजेश्वरी रावत,समीर मुंडेपी,अशोक नेगी, सुरेंद्र बुटोला,नवीन भदुला,राजेन्द्र प्रधान, मनोज वर्मा,पीयूष सक्सेना, मिनांक्षी घिल्डियाल, सोमेश बुडाकोटी, पंकज पैन्यूली, आशुतोष भंडारी आदि थे।