लोकसभा नतीजों से चंद्रबाबू नायडू की लॉटरी, अब एनडीए का संयोजक भी बनाने की तैयारी
हैदराबाद। देश की सियासत में केंद्र में तीन सरकारों के गठन में अहम भूमिका निभाने वाले तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को एक बार फिर किंगमेकर की भूमिका निभाने का मौका मिल सकता है। टीडीपी ने आंध्र प्रदेश के लोकसभा चुनावों में लड़ी गई 17 सीटों में से 16 लोकसभा सीटें जीती हैं। नायडू की पार्टी भारतीय जनता पार्टी के बाद एनडीए के दूसरे सबसे बड़े गठबंधन सहयोगी के रूप में उभरी है। उल्लेखनीय है कि इस बार जनता के जनादेश ने किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं दिया है इसलिए, नायडू की पार्टी को मिली सीटों ने उन्हें एक प्रभावशाली स्थिति में ला खड़ा किया है।
तीन बार सरकार में दिया साथ
इस बारे में राजनीतिक विश्लेषक और लेखक श्रीराम कर्री ने बताया, “उन्होंने (नायडू) केंद्र में तीन सरकारें स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई – पहली एच डी देवेगौड़ा की संयुक्त मोर्चा सरकार और बाद में 1996 और 1998 में आई के गुजराल की सरकार; इसके बाद दो बार अटल बिहारी वाजपेयी की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार बनाई।”
क्या एनडीए में बने रहेंगे नायडू
उन्होंने कहा कि टीडीपी प्रमुख के पास अब एक बार फिर यह तय करने का अवसर है कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार होनी चाहिए या इंडिया गठबंधन की सरकार। कर्री ने कहा, “इसका मतलब यह नहीं है कि वह एनडीए को छोड़ देंगे और विपक्षी गुट से हाथ मिला लेंगे।” टीडीपी के एक वरिष्ठ नेता और पार्टी थिंक टैंक में से एक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि नायडू किसी भी परिस्थिति में एनडीए नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा, “टीडीपी प्रमुख को पता है कि 2018 में एनडीए से बाहर आकर और कांग्रेस समर्थक पार्टियों के साथ एक महागठबंधन बनाने का प्रयास करके उन्हें भारी दंड भुगतना पड़ा।”टीडीपी नेता ने बताया कि नायडू को एनडीए में वापस आने के लिए पिछले पांच वर्षों में काफी संघर्ष करना पड़ा और धैर्यपूर्वक इंतजार करना पड़ा, जिससे उन्हें आंध्र प्रदेश में 2024 विधानसभा चुनाव जीतने में मदद मिली। उन्होंने कहा, ”इसलिए, अब भाजपा के साथ ऐसा कोई खेल खेलने का कोई सवाल ही नहीं है।”
एनडीए की बैठक में शामिल होंगे नायडू
नेता के मुताबिक, नायडू के बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई एनडीए सहयोगियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए नई दिल्ली जाने की उम्मीद है। टीडीपी नेता ने कहा, “टीडीपी की स्थिति को देखते हुए, ऐसी चर्चा है कि नायडू को एनडीए संयोजक पद की पेशकश की जा सकती है, क्योंकि उनमें गुटों को एकजुट रखने की क्षमता है।”उल्लेखनीय है कि जैसे ही आंध्र प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा चुनावों में टीडीपी और राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए की भारी जीत के संकेत मिलने लगे, टीडीपी प्रमुख ने एनडीए को लेकर प्रधानमंत्री और उनके कैबिनेट सहयोगी अमित शाह को टेलीफोन किया। बदले में मोदी और अमित शाह ने आंध्र प्रदेश में एनडीए गठबंधन की शानदार जीत पर नायडू को बधाई दी। मामले से परिचित एक टीडीपी नेता ने कहा, “कथित तौर पर उन्होंने उन्हें बुधवार को नई दिल्ली में आमंत्रित किया।”