Uncategorized

4माह से अंधेरे में जी रहे गौंडार के ग्रामीण

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

रुद्रप्रयाग। जिले के सीमांत गांव गौंडार के ग्रामीण पिछले चार माह से अंधेरे में ही जीवन बसर कर रहे हैं। सरकार ने इस गांव को विद्युत व्यवस्था से जोड़ने के लिए वर्ष 2016 में गौंडार जल विद्युत परियोजना के पवार हाउस का निर्माण कराया था, लेकिन यह आपदा की भेंट चढ़ गया है। प्रत्येक वर्ष यह बरसात में क्षतिग्रस्त हो जाता है, जो सरकार की भूमिका पर भी सवाल है। ऊखीमठ विकास खंड के सीमांत गांव गौंडार में गत 20 जुलाई को मधु गंगा का जलस्तर बढ़ने से उरेडा का पावर हाउस बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे गांव में विद्युत आपूर्ति पूरी तरह ठप पड़ गई। तब से लेकर अभी तक यह योजना ठीक नहीं हो पाई है, जिससे यहां के ग्रामीण अंधेरे में ही जीवन बसर कर रहे हैं। कई बार उच्च अधिकारियों से भी अपनी मांग रख चुके हैं लेकिन पूरी नहीं हुई। गौंडार गांव के आसपास का क्षेत्र प्रतिबंधित वन क्षेत्र में आने के कारण सरकार ने इस गांव के ठीक नीचे बहने वाली मधु गंगा पर 100 किलोवाट की परियोजना का निर्माण कराया, जिसकी लागत दो करोड़ 10 लाख के लगभग थी। लेकिन निर्माण के बाद से ही इस योजना के अक्सर क्षतिग्रस्त होना, सरकार के योजना निर्माण पर भी सवाल उठते रहे हैं। यह गांव मद्दमहेश्वर यात्रा का भी मुख्य व अंतिम पड़ाव है। गांव के शिवशरण पंवार बताते हैं कि सरकार गौंडार जैसे सीमांत गांव के विकास की ओर मुंह मोड़े हुए हैं। बुनियादी सुविधाएं भी बहाल नहीं हो पा रही हैं। गांव के लोग अंधेरे में ही चार महीने से जीवन यापन कर रहे हैं। मोबाइल चार्ज नहीं हो पा रहे हैं। गांव में 75 परिवार निवास करते हैं, कुछ परिवारों के पास इमरजेंसी लाइट हैं, और अन्य बिना लाइन के ही हैं। वहीं इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी भरतचन्द्र भट्ट ने कहा कि इस संबंध में संबंधित विभाग से जानकारी ली जाएगी तथा जल्द से जल्द विद्युत आपूर्ति बहाल करने के प्रयास किए जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!