ईडी की छापेमारी पर चरणजीत सिंह चन्नी को मिला पार्टी नेताओं का समर्थन, नवजोत सिंह सिद्घू मौन
चंडीगढ़। रेत खनन के मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भांजे के ठिकानों पर हुई छापेमारी को लेकर कांग्रेस सचेत हो गई है। मुख्यमंत्री को कांग्रेस का साथ मिला है, लेकिन इस मामले में प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्घू कुछ नहीं बोल रहे हैं। कांग्रेस भवन में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि ईडी का मतलब है इलेक्शन डिपार्टमेंट। सुरजेवाला ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री व उनके रिश्तेदार का किसी एफआइआर के साथ कोई लेना-देना नहीं है। सुरजेवाला भले ही चन्नी का पक्ष ले रहे हों, लेकिन उनके साथ बैठे नवजोत सिंह सिद्घू ने ईडी की छापेमारी को लेकर कोई भी कमेंट्स नहीं किया।
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि 2018 में दर्ज हुई एफआइआर जिसमें कुदरतदीप सिंह का नाम है, को मेरे भांजे के साथ जोड़कर मुझे फंसाने की साजिश थी। चन्नी ने पूरे मामले को राजनीति से प्रेरित करार दिया। कहा कि उनके भांजे सतिंदर सिंह हनी को काफी टार्चर किया गया। वह उनके साथ लिंक जोड़ना चाह रहे थे। इसके लिए बकायदा कोर्ट को भी सुबह 6 बजे तक खोलकर रखा गया था। ईडी अधिकारियों ने भांजे को यह भी कहा कि पंजाब फेरी की बात याद रखना।
मुख्यमंत्री इस बात का कोई जानकारी नहीं दे पाए कि उन्हें यह बात किसने कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे भांजे के साथ मुलाकात नहीं हुई है, लेकिन मुझे ऐसी जानकारी मिली है। जब उनसे 10 करोड़ रुपये पकड़े जाने के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है, क्योंकि ईडी ने अभी कोई जानकारी नहीं दी है।
पत्रकार वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री के साथ चार कैबिनेट मंत्री भी मौजूद रहे, जिसमें गृहमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया और ब्रह्म मोहिंद्रा शामिल थे। मुख्यमंत्री ने ईडी पर यह भी आरोप लगाए कि जांच कर रहे अधिकारियों ने न सिर्फ उनके भांजे को टार्चर किया, बल्कि लालच भी दिया, ताकि वह मेरा नाम ले, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री व आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए चन्नी ने कहा कि वह पंजाब में आकर ईडी की कार्रवाई की सही ठहरा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘अपने घर लगे तो आग दूसरे के घर बसंत’। चन्नी ने कहा कि 2018 में जब केजरीवाल के साले के बेटे पर छापेमारी हुई और 174 करोड़ रुपये पकड़े गए तो वह बदलाखोरी था। हमारे यहां हुई तो सही है।
चन्नी ने पूरे मामले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिरोजपुर रैली से जोड़ते हुए कहा कि अगर उनकी रैली में भीड़ नहीं जुटी तो इसके लिए चन्नी जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी जनता की अदालत में जाएगी और भाजपा को पंजाब के लोग ही जवाब देंगे।