छात्रों को कानूनी नोटिस भेजना औचित्यहीन: जुगराण
-कहा गढ़वाल विवि में अनियमिताओं के खिलाफ करते रहेंगे संघर्ष
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। राज्य आंदोलनकारी व आप नेता रविंद्र जुगराण ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहा कि गढ़वाल विवि प्रशासन छात्रों को डराने व धमकाने का कार्य कर रहा है। जनहित व छात्रहित का बात उठाने वाले छात्रों की आवाज को दबाने के लिए विवि शिक्षक छात्रों को कानूनी नोटिस देकर डराने का प्रयास कर रहे हैं। जुगराण ने कहा कि विवि में भ्रष्टाचार चरम पर है। जिसके खिलाफ उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की जा चुकी है।
शनिवार को पत्रकार वार्ता में दर्जाधारी पूर्व राज्य मंत्री व आप नेता रविंद्र जुगराण ने उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा व चिकित्सा शिक्षा शिक्षण संस्थानों में हो रही अनियमिताओं को राजनीतिक संरक्षण दिए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य में संचालित हो रहे केंद्रीय विवि, राज्य विवि, तकनीकी व मेडिकल शिक्षण संस्थानों में नियुक्तियों सहित कई अन्य मामलों में जमकर अनियमितताएं हो रही है। खासतौर पर गढ़वाल विवि में मानकों को ताक पर रखकर भाई भतीजा वाद के आधार पर नियुक्तियां की जा रही हैं। जुगराण ने कहा कि छात्र नेताओं ने जब इन अनियमिताओं के खिलाफ आवाज उठाई तो विवि की एक शिक्षिका ने छात्रों को काूननी नोटिस थमा दिया। जबकि इन अनियमिताओं क खिलाफ उच्च न्यायालय में जनहित याचिका भी दायर की गई है। उन्होंने कहा कि विवि व शिक्षिका ने यह कदम छात्रों को डराने धमकाने के लिए लिया गया है। उन्होंने गढ़वाल विवि में कुलपति की नियुक्ति पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि अस संबंध में हाई कोर्ट में चुुनौती दी गई है। जुगराण ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में सेवारत शिक्षक लोक सेवा आयोग में सदस्य रहने के बाद अपनी सेवाओं पर वापस आए हैं। जो संविधान का उल्लघंन है। ऐसे मे मामलों को भी न्यायालय मे चुनौती दी गई है। जुगराण ने कहा कि वह छात्रों के साथ हैं। यदि विवि प्रशासन ने छात्रों की आवाज दबाने का प्रयास किया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। पत्रकार वार्ता में बिड़ला परिसर छात्र संघ अध्यक्ष अंकित रावत, बीजीआर परिसर महासचिव गोपाल नेगी, एनएसयूआई प्रदेश सचिव मोहित सिंह, जय हो छात्र संगठन के जिलाध्यक्ष आयुष मिंया आदि उपस्थित थे।