छत्तीसगढ़ की तर्ज पर बनेगा कोटद्वार में ट्रेचिंग ग्राउण्ड
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की तर्ज पर टे्रचिंग ग्राउण्ड बनाया जायेगा। कोटद्वार में छत्तीसगढ़ का विशेष मॉडल सॉलिड वेस्ट मैंनेजमेंट लागू होगा। प्रदेश के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कोटद्वार में सॉलिड वेस्ट मैंनेजमेंट का विशेष मॉडल लागू होगा। सॉलिड वेस्ट मैंनेजमेंट के तहत तीन मॉडल अपनाये जायेंगे, रूड़की में वेस्ट टू एनर्जी मॉडल, हरिद्वार में बायोगैस मॉडल और कोटद्वार में छत्तीसगढ़ मॉडल। इसके बाद इसी आधार पर पूरे राज्य में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का कार्य किया जायेगा।
प्रदेश के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक व वन मंत्री डॉ0 हरक सिंह रावत द्वारा विधान सभा स्थित सभाकक्ष में कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र के अन्तर्गत कूड़ा निस्तारण के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक की गई। पर्यावरण एवं वन मंत्री डॉ0 हरक सिंह रावत ने कहा कि कोटद्वार इस मॉडल से विशेष रूप से लाभान्वित होगा। कोटद्वार में सॉलिड वेस्ट मैंनेजमेंट का विशेष मॉडल लागू होगा, इसे पर्यावरण प्रदूषण बोर्ड का निदेशालय देखेगा। यह मॉडल छत्तीसगढ़ मॉडल पर आधारित होगा, इसमें भूमि सिडकुल से ली जायेगी। जिसके लिए सचिव राजस्व कैबिनेट में प्रस्ताव लायेंगे। इसके लिए शहरी विकास और सचिव उद्योग अपना प्रस्ताव भेजेंगे। इसके अतिरिक्त एमएनए कोटद्वार की अध्यक्षता में एक कमेटी बनायी गयी है, जिसमें प्रदूषण बोर्ड का एक अधिकारी और शहरी विकास विभाग का एक अधिकारी रहेंगे, जो प्रतिदिन के आधार पर इस मॉडल की मानिटरिंग करेंगे। इस अवसर पर सचिव शहरी विकास शैलेश बगोली, निदेशक शहरी विकास विनोद कुमार सुमन, निदेशक पर्यावरण बोर्ड एसपी सुबुद्धि इत्यादि अधिकारी मौजूद थे।
बता दें कि कोटद्वार में नगर निगम के पास स्थाई टे्रचिंग ग्राउण्ड न होने से खोह नदी के किनारे बनाये गये अस्थाई टे्रचिंग ग्राउण्ड में कूड़ा निस्तारण के लिए पर्याप्त जगह न होेने से टे्रचिंग ग्राउण्ड के बाहर कूड़े का ढ़ेर लग रहता है। विभिन्न सामाजिक संगठनों सहित बुद्धिजीवी लोग पिछले कई सालों से खोह नदी किनारे से ट्रेचिंग ग्राउण्ड को अन्यत्र शिफ्ट करने की मांग कर रहे है। लेकिन, कोटद्वार नगर निगम को अभी तक स्थाई टे्रचिंग ग्राउण्ड नहीं मिल पाया है।